ऐन ने यह डायरी क्यों लिखी?
ऐन यहूदी थी। वह चाहती थी कि लोग नाजियों के अत्याचारों के बारे में विस्तार से जानें। कही या सुनी बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। स्थायी प्रभाव लिखित बातों का पड़ता है। इसलिए उसने उन सब अनुभूतियों तथा घटनाओं को लिखने का मन बनाया जो उसके साथ घटी थीं।
वह लिखती है कि मैं सच बता रही हूँ कि युद्ध के दस साल बाद लोग इससे कितना चकित होंगे जब उन्हें पता चलेगा कि यहूदियों को अज्ञातवास क्यों जाना पड़ा? उन पर किस तरह के कितने जुल्म हुए?