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जूझ

Question
CBSEENHN12026708

‘जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केन्द्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है?

Solution

शीर्षक किसी भी रचना का महत्वपूर्ण अंग होता है। शीर्षक वह केन्द्र बिन्दु है जिससे पाठक को विषयवस्तु का सामान्य एवं आकर्षक बोध हो जाता है। ‘जूझ’ शीर्षक भी अपने आप में हर तरह से औचित्यपूर्ण है। ‘जूझ’ का शाब्दिक अर्थ है-’संघर्ष’। यह शीर्षक आत्मकथा के मूरल स्वर के रूप में सर्वत्र दिखाई देता है। यह एक किशोर के देखे और भागे हुए गँवई जीवन के खुरदरे यथार्थ और परिवेश को विश्वसनीय ढंग से प्रतिबिम्बित भी करता है।

कथानायक अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई स्तर पर जूझता है। वह स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर पर, सामाजिक स्तर पर, विद्यालय के माहौल के स्तर पर, आर्थिक स्तर पर आदि इस तरह के कई स्तर पर उसका संघर्ष दिखाई देता है। स्पष्ट है कि यह शीर्षक कथानायक के पढ़ाई के प्रति जूझने की भावना को उजागर करता है। लेखक ने अपनी आत्मकथा अपनी इसी चारित्रिक विशेषता को केन्द्र में रखकर की है।

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अथवा

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