‘पाँती बँधी’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
‘पाँती बँधी’ से कवि का तात्पर्य है-एकता। ऊँचे आकाश में बगुले एक पंक्ति में चलते हैं। वे एक आकर्षक दृश्य उपस्थित करते हैं। इसी प्रकार मनुष्य भी यदि एक साथ चलें तो उनका रूप अद्भुत होगा। उनका विकास होगा। कवि मनुष्य से एकता बनाए रखने को कहता है।