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रघुवीर सहाय

Question
CBSEENHN12026139

दूरदर्शन वाले किस अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं?’

Solution

दूरदर्शन वाले इस अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं कि सामने बैठा अपाहिज व्यक्ति रो पड़े। वह उसकी फूली सूजी आँखें दूरदर्शन के परदे पर दिखाकर दर्शकों की सहानुभूति बटोरकर कार्यक्रम को रोचक बनाना चाहते हैं।

Some More Questions From रघुवीर सहाय Chapter

दूरदर्शन वाले किस अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं?’

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

एक और कोशिश

दर्शक

धीरज रखिए

देखिए

हमें दोनों एक संग रुलाने हैं

आप और वह दोनों

(कैमरा

बस करो

नहीं हुआ

रहने दो

परदे पर वकत की कीमत है)

अब मुस्कुराएँगे हम

आप देख रहे थे सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम

(बस थोड़ी ही कसर रह गई)

धन्यवाद।

एक और कोशिश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि यह कोशिश कौन कर रहा था तथा उसकी कोशिश क्या थी?

‘हमें दोनों एक संग रुलाने हैं’ काव्य पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।

दूरदर्शन वालों के अनुसार कार्यक्रम में क्या कमी रह गई?

इस काव्यांश के आधार पर दूरदर्शन के कार्यक्रमों पर टिप्पणी कीजिए।

कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इनका क्या औचित्य है?

‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है’-विचार कीजिए।

हम समर्थ शक्तिमान और हम एक दुर्बल को लाएँगे पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?

यदि शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक, दोनों एक साथ रोने लगेंगे, तो उससे प्रश्नकर्ता का कौन-सा उद्देश्य पूरा होगा?