मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से क्या सोचकर बताने को कहना है?
मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से यह सोचकर बताने के लिए कहता है कि उसे अपाहिज होकर कैसा लगता है। वे उसका अनुभव पूछकर अपना कार्यक्रम रोचक बनाने का प्रयास करते हैं।
मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से क्या सोचकर बताने को कहना है?
मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से यह सोचकर बताने के लिए कहता है कि उसे अपाहिज होकर कैसा लगता है। वे उसका अनुभव पूछकर अपना कार्यक्रम रोचक बनाने का प्रयास करते हैं।
मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से क्या सोचकर बताने को कहना है?
वे अपाहिज को संकेत में क्या बताते हैं?
दूरदर्शन वाले कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते हैं?
दूरदर्शन वाले किस अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं?’
प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?
एक और कोशिशदर्शक
धीरज रखिए
देखिए
हमें दोनों एक संग रुलाने हैं
आप और वह दोनों
(कैमरा
बस करो
नहीं हुआ
रहने दो
परदे पर वकत की कीमत है)
अब मुस्कुराएँगे हम
आप देख रहे थे सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम
(बस थोड़ी ही कसर रह गई)
धन्यवाद।एक और कोशिश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि यह कोशिश कौन कर रहा था तथा उसकी कोशिश क्या थी?
‘हमें दोनों एक संग रुलाने हैं’ काव्य पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।
दूरदर्शन वालों के अनुसार कार्यक्रम में क्या कमी रह गई?
इस काव्यांश के आधार पर दूरदर्शन के कार्यक्रमों पर टिप्पणी कीजिए।
कविता में कुछ पंक्तियाँ कोष्ठकों में रखी गई हैं-आपकी समझ से इनका क्या औचित्य है?
Mock Test Series