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रघुवीर सहाय

Question
CBSEENHN12026154

“दर्शक

धीरज रखिए

देखिए

हमें दोनों एक संग रुलाने हैं।”

A. इन पक्तियों में किनकी क्या मानसिकता उजागर हुई है? (i) इन पंक्तियों में दूरदर्शन पर कार्यक्रम प्रसारित करने वालों की मानसिकता के यथार्थ को उजागर किया गया है। वे जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित करते हैं कि दर्शकों में करुणा का भाव जागृत हो।
B. कार्यक्रम की सफलता किसे माना जाता है? (ii) जब प्रस्तुत व्यक्ति और दर्शक रो जाएँ तो समझा जाता है कि कार्यक्रम सफल हो गया। इस रोने में संवेदन शून्यता होती है। यह एक बलात् किया गया प्रयास प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि प्रस्तुतकर्त्ता जब कहेगा तब दोनों (व्यक्ति और दर्शक) रो पड़ेंगे। मानो वे कठपुतली मात्र हों।
C. इस काव्याशं की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। (iii) लक्षणा एवं व्यंजना शब्द शक्ति का चमत्कार है। कम शब्दों में अधिक बात कहने का प्रयास किया गया है। भाषा सहज एवं सुबोध है।

Solution

A.

इन पक्तियों में किनकी क्या मानसिकता उजागर हुई है?

(i)

इन पंक्तियों में दूरदर्शन पर कार्यक्रम प्रसारित करने वालों की मानसिकता के यथार्थ को उजागर किया गया है। वे जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित करते हैं कि दर्शकों में करुणा का भाव जागृत हो।

B.

कार्यक्रम की सफलता किसे माना जाता है?

(ii)

जब प्रस्तुत व्यक्ति और दर्शक रो जाएँ तो समझा जाता है कि कार्यक्रम सफल हो गया। इस रोने में संवेदन शून्यता होती है। यह एक बलात् किया गया प्रयास प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि प्रस्तुतकर्त्ता जब कहेगा तब दोनों (व्यक्ति और दर्शक) रो पड़ेंगे। मानो वे कठपुतली मात्र हों।

C.

इस काव्याशं की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

(iii)

लक्षणा एवं व्यंजना शब्द शक्ति का चमत्कार है।

कम शब्दों में अधिक बात कहने का प्रयास किया गया है।

भाषा सहज एवं सुबोध है।

Some More Questions From रघुवीर सहाय Chapter

वे उससे क्या-क्या प्रश्न पूछते हैं?

वे कैमरे को क्या निर्देश देते हैं और क्यों?

मीडियाकर्मी अपंग व्यक्ति से क्या सोचकर बताने को कहना है?

वे अपाहिज को संकेत में क्या बताते हैं?

दूरदर्शन वाले कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते हैं?

दूरदर्शन वाले किस अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं?’

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

एक और कोशिश

दर्शक

धीरज रखिए

देखिए

हमें दोनों एक संग रुलाने हैं

आप और वह दोनों

(कैमरा

बस करो

नहीं हुआ

रहने दो

परदे पर वकत की कीमत है)

अब मुस्कुराएँगे हम

आप देख रहे थे सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम

(बस थोड़ी ही कसर रह गई)

धन्यवाद।

एक और कोशिश के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि यह कोशिश कौन कर रहा था तथा उसकी कोशिश क्या थी?

‘हमें दोनों एक संग रुलाने हैं’ काव्य पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।

दूरदर्शन वालों के अनुसार कार्यक्रम में क्या कमी रह गई?