“दर्शक
धीरज रखिए
देखिए
हमें दोनों एक संग रुलाने हैं।”
A. इन पक्तियों में किनकी क्या मानसिकता उजागर हुई है? | (i) इन पंक्तियों में दूरदर्शन पर कार्यक्रम प्रसारित करने वालों की मानसिकता के यथार्थ को उजागर किया गया है। वे जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित करते हैं कि दर्शकों में करुणा का भाव जागृत हो। |
B. कार्यक्रम की सफलता किसे माना जाता है? | (ii) जब प्रस्तुत व्यक्ति और दर्शक रो जाएँ तो समझा जाता है कि कार्यक्रम सफल हो गया। इस रोने में संवेदन शून्यता होती है। यह एक बलात् किया गया प्रयास प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि प्रस्तुतकर्त्ता जब कहेगा तब दोनों (व्यक्ति और दर्शक) रो पड़ेंगे। मानो वे कठपुतली मात्र हों। |
C. इस काव्याशं की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। | (iii) लक्षणा एवं व्यंजना शब्द शक्ति का चमत्कार है। कम शब्दों में अधिक बात कहने का प्रयास किया गया है। भाषा सहज एवं सुबोध है। |
A. इन पक्तियों में किनकी क्या मानसिकता उजागर हुई है? | (i) इन पंक्तियों में दूरदर्शन पर कार्यक्रम प्रसारित करने वालों की मानसिकता के यथार्थ को उजागर किया गया है। वे जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित करते हैं कि दर्शकों में करुणा का भाव जागृत हो। |
B. कार्यक्रम की सफलता किसे माना जाता है? | (ii) जब प्रस्तुत व्यक्ति और दर्शक रो जाएँ तो समझा जाता है कि कार्यक्रम सफल हो गया। इस रोने में संवेदन शून्यता होती है। यह एक बलात् किया गया प्रयास प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि प्रस्तुतकर्त्ता जब कहेगा तब दोनों (व्यक्ति और दर्शक) रो पड़ेंगे। मानो वे कठपुतली मात्र हों। |
C. इस काव्याशं की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। | (iii) लक्षणा एवं व्यंजना शब्द शक्ति का चमत्कार है। कम शब्दों में अधिक बात कहने का प्रयास किया गया है। भाषा सहज एवं सुबोध है। |