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हरिवंशराय बच्चन

Question
CBSEENHN12026060

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

मुझसे मिलने को कौन विकल?

मैं होऊँ किसके हित चंचल?

यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।,

A.

कवि क्या सोचकर निराश होता है?

B.

कवि विषाद से क्यों घिर जाता है?

C.

काव्याशं के शिल्प-सौदंर्य पर प्रकाश डालिए।

Solution

A.

सभी प्राणी अपने-अपने घरों की ओर लौटने को व्याकुल हैं क्योंकि घरों में उनकी प्रतीक्षा हो रही होगी। कवि निराश एवं हताश है क्योंकि घर पर उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है। भला वह किसके लिए तेज गति से चले। उसे तो यह प्रश्न शिथिल बना देता है। उसका मन उद्विग्न हो उठता है,

B.

वह विषाद से घिर जाता है। दिन जल्दी-जल्दी ढलकर उसकी रात्रिकालीन व्यथा को बढ़ाने की ओर बढ़ता जाता है।

C.

शिल्प-सौंदर्य:

कवि के एकाकी जीवन की पीड़ा व्यंजित हुई है।
प्रश्नालंकार का प्रयोग किया गया है।
लाक्षणिक शब्दशक्ति का समावेश है।
‘जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

Some More Questions From हरिवंशराय बच्चन Chapter

दिये गये काव्याश का सप्रसंग व्याख्या करें?

मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,

फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ;

कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर

मैं साँसों के वो तार लिए फिरता हूँ!

मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,

मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,

जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,

मैं अपने मन का गान किया करता हूँ!

कवि ने अपने जीवन के बारे में क्या कहा है?

कवि अपने विगत जीवन के बारे में क्या बताता है?

कवि किसका पान किया करता है और इससे उसकी हालत कैसी हो जाती है?

कवि संसार के बारे में क्या बताता है?

दिये गये काव्याशं सप्रसंग व्याख्या करें?

कवि क्या लिए फिरता है?

कवि को यह संसार कैसा प्रतीत होता है?

कवि किस मन: स्थिति में रहता है?

कवि इस संसार में अपना जीवन किस प्रकार से बिताता है?