निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में निहित काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
मँगवाओ मुझसे भीख
इन काव्य पंक्तियों में कवयित्री अपने ईश्वर को जूही के फूल जैसा बताती है। इस प्रयोग में ईश्वर में जूही के फूल की सुंदरता, कोमलता एवं सुगंध का साम्य देखा गया है। कवयित्री ‘अहं’ को गलाने के लिए भीख मँगवाने जैसा काम करवाने का अनुरोध करती है। कवयित्री की निस्पृह भावना भी अभिव्यक्त होती है।
-प्रथम पंक्ति में उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ है।
-‘मँगवाओ मुझसे’ में ‘म’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।