लेखक के बनाए चित्रों पर क्या टिप्पणी की गई थी? उसके चित्र कितने में बिके?
लेखक के बनाए चित्रों पर टिप्पणी की गई- “एस. एच. रजा नाम के छात्र के एक-दो जलरंग लुभावने हैं। उनमें संयोजन और रंगों के दक्ष प्रयोग की जबर्दस्त समझदारी दिखती है।” लेखके के बनाए दोनों चित्र 40-40 रुपये में बिक गए। एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियोज में आठ-दस घंटा रोज काम करने के बाद भी महीने- भर में उसे इतने रुपये नहीं मिल पाते थे। लेखक की वेनिस अकादमी के प्रोफेसर वालर लैंगहैमर से भेंट हुई तो उन्होंने जर्मन उच्चारणवाली अंग्रेजी में कहा, “आई लफ्ड यूआर स्टॅफ, मिस्टर रत्जा” (रजा साहब, मुझे आपका काम पसंद आया)।