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गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना

Question
CBSEENHN10001834

आप गर्मी की चिलचिलाती धूप में कभी सफ़र करें तो दूर सड़क पर आपको पानी जैसा दिखाई देगा पर पास पहुँचने पर वहाँ कुछ नहीं होता। अपने जीवन में भी कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, दिखता कुछ है लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है। आपके जीवन में घटे ऐसे किसी अनुभव को अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखकर अभिव्यक्त कीजिए।

Solution

48 -दुग्गल कॉलोनी,
कानपुर।
15 सितंबर, 20.........
प्रिय अंकुश,
मुझे तुम्हारा पत्र प्राप्त हो गया था पर मैं समय पर उसका उत्तर नहीं दे पाया। इस बात का खेद है। वास्तव में पिछले दिनों मेरे साथ कुछ ऐसा घटित हो गया था जिसकी मुझे अभी उम्मीद नहीं थी।

तुम्हें याद होगा कि मैंने तुम्हारा अपने एक मित्र से परिचय कराया था, जब तुम पिछली छुट्‌टियों में घर आए थे। उसका नाम कपिल था। वह मेरी ही कक्षा में पढ़ता था और मेरे साथ प्राय: मेरे घर आया करता था। वह होस्टल में रहता था। उसके माता-पिता किसी दूर के गांव में रहते हैं। मेरे मम्मी-पापा तो उसे अपने बेटे के समान ही प्यार करते थे। यदि मेरे लिए वे बाजार से कुछ लाते थे तो उसके लिए भी वही लाना नहीं भूलते थे। कहते थे कि कितना होनहार बच्चा है। होशियार है, मीठा बोलता है, भोला-भाला है। पिछले सप्ताह उसने ही अपने गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर हमारे घर में चोरी करवा दी। हमारा लगभग पांच लाख रुपये का हो गया है। उसे तो हमारे घर की एक-एक चीज पता थी। लगभग हर रोज ही तो हमारे घर आता था। अगले महीने रीमा दीदी की शादी थी इसलिए घर में बहुत-सा उसके दहेज का नया सामान था, नकदी थी सब चोरी चला गया। हमें तो विश्वास ही नहीं हुआ जब उसे उसके गाँव से पकड़ कर हमारे सामने खड़ा कर दिया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया पर न तो उसके साथी पुलिस की पकड़ में आए हैं और न ही हमारा सामान बरामद हुआ है। देखो क्या होता है। शायद हमारा सामान हमें वापिस मिल जाए। उसकी शक्ल तो कितनी भोली थी और मन का कितना काला निकला। सच है की कई हमें कई लोगों के बारे मे सोचते कुछ हैं, वे निकलते कुछ हैं।

ठीक है। अंकल-आंटी को मेरी ओर से नमस्ते कहना।
तुम्हारा मित्र,
अनुज

 

Some More Questions From गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना Chapter

‘मृगतृष्णा’ किसे कहते हैं, कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है?

‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ - यह भाव कविता की किस पंक्ति से झलकता है?

कविता में व्यक्त दु:ख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।

‘जीवन में है सुरंग सुधियाँ सुहावनी’ से कवि का अभिप्राय जीवन की मधुर स्मृतियों से है। आपने अपने जीवन की कौन-कौन सी स्मृतियां संजो रखी हैं?

‘क्या हुआ जो खिला फूल रस बसंत जाने पर?’ कवि का मानना है कि समय बीत जाने पर भी उपलब्धि मनुष्य को आनंद देती है। क्या आप ऐसा मानते हैं? तर्क सहित लिखिए।

आप गर्मी की चिलचिलाती धूप में कभी सफ़र करें तो दूर सड़क पर आपको पानी जैसा दिखाई देगा पर पास पहुँचने पर वहाँ कुछ नहीं होता। अपने जीवन में भी कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, दिखता कुछ है लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है। आपके जीवन में घटे ऐसे किसी अनुभव को अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखकर अभिव्यक्त कीजिए।

‘छाया मत छूना’ कविता के आधार पर श्री गिरिजा कुमार माथुर की मानसिक सबलता पर टिप्पणी कीजिए।

कवि गिरिजाकुमार माथुर की  ‘पंद्रह अगस्त’ कविता खोजकर पढ़िए और उस पर चर्चा कीजिए।

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
छाया मत छूना
मन, होगा दु:ख दूना।
जीबन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी
छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी:
तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी।
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
छाया मत छूना
मन, होगा दु:ख दूना।
जीबन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी
छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी:
तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी।
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण

अवतरण में निहित भावार्थ को स्पष्ट कीजिए।