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गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना

Question
CBSEENHN10001833

‘क्या हुआ जो खिला फूल रस बसंत जाने पर?’ कवि का मानना है कि समय बीत जाने पर भी उपलब्धि मनुष्य को आनंद देती है। क्या आप ऐसा मानते हैं? तर्क सहित लिखिए।

Solution

समय का विशेष महत्व है। बीत जाने पर हमें प्राय: दुःख ही उठाना पड़ता है। समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। यह तो लगातार आगे भागता ही जाता है। यदि हम इसके एक-एक क्षण को व्यर्थ गंवा देते हैं तो हमारा कल्याण संभव नहीं हो सकता। कहा भी तो जाता है-
‘अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत’
प्राय: माना जाता है कि धन सबसे कीमती वस्तु है पर यदि ध्यान से सोचा जाए तो समय धन से भी अधिक उपयोगी और मूल्यवान है। धन से हर वस्तु खरीदी जा सकती है पर समय नहीं खरीदा जा सकता। यह तो घड़ी की टिक-टिक के साथ भागता भी जाता है। यदि किसी बीमार व्यक्ति को समय पर उपचार न मिले तो उसका जीवन नहीं बचाया जा सकता। यदि समय पर विद्यार्थी पढ़ाई न करें तो वे परीक्षा में पास नहीं हो सकते। यदि किसान समय पर अपने खेत की सिंचाई न करे तो उसे उपज प्राप्त नहीं हो सकती। रेलगाड़ी, बस, वायुयान आदि किसी के लिए प्रतीक्षा नहीं करते। समय चूक जाने पर वे तो अपने गंतव्य की ओर जाते हैं।
यदि किसी उपलब्धि की हमें समय के बाद प्राप्ति हो भी जाती है तो उसका कोई उपयोग नहीं रहता। फसल के सूख जाने के बाद वर्षा हो भी जाए तो उसका क्या लाभ? हमें चाहिए कि हम हर कार्य उचित समय पर ही करें ताकि इससे समय की उपलब्धि की उपादेयता बनी रहे।

Some More Questions From गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना Chapter

कविता में विशेषण के प्रयोग से शब्दों के अर्थ में विशेष प्रभाव पड़ता है, जैसे कठिन यथार्थ।
कविता में आए ऐसे अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए और यह भी लिखिए कि इससे शब्दों के अर्थ में क्या विशिष्टता पैदा हुई?

‘मृगतृष्णा’ किसे कहते हैं, कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है?

‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ - यह भाव कविता की किस पंक्ति से झलकता है?

कविता में व्यक्त दु:ख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।

‘जीवन में है सुरंग सुधियाँ सुहावनी’ से कवि का अभिप्राय जीवन की मधुर स्मृतियों से है। आपने अपने जीवन की कौन-कौन सी स्मृतियां संजो रखी हैं?

‘क्या हुआ जो खिला फूल रस बसंत जाने पर?’ कवि का मानना है कि समय बीत जाने पर भी उपलब्धि मनुष्य को आनंद देती है। क्या आप ऐसा मानते हैं? तर्क सहित लिखिए।

आप गर्मी की चिलचिलाती धूप में कभी सफ़र करें तो दूर सड़क पर आपको पानी जैसा दिखाई देगा पर पास पहुँचने पर वहाँ कुछ नहीं होता। अपने जीवन में भी कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, दिखता कुछ है लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है। आपके जीवन में घटे ऐसे किसी अनुभव को अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखकर अभिव्यक्त कीजिए।

‘छाया मत छूना’ कविता के आधार पर श्री गिरिजा कुमार माथुर की मानसिक सबलता पर टिप्पणी कीजिए।

कवि गिरिजाकुमार माथुर की  ‘पंद्रह अगस्त’ कविता खोजकर पढ़िए और उस पर चर्चा कीजिए।

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
छाया मत छूना
मन, होगा दु:ख दूना।
जीबन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी
छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी:
तन-सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी।
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण