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गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना

Question
CBSEENHN10001831

कविता में व्यक्त दु:ख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।

Solution
हर व्यक्ति का जीवन सुख और दुःखों के मेल से बना है। सुख के बाद दुःख आते हैं तो दुःखों के बाद सुख। हमें सुख आनंद का अहसास कराते हैं तो दु:ख पीड़ा देते हैं। हम पीड़ा से मुक्ति पाने की चेष्टा करते हैं और सुख की घड़ियों को बार-बार याद करने लगते हैं जिससे पीड़ा कम होने की अपेक्षा बढ़ जाती है; वह दोगुनी हो जाती है। हम धन-दौलत प्राप्त कर अपना जीवन सुखमय बनाने की कोशिश करते हैं पर धन की प्राप्ति से सभी सुख प्राप्त नहीं होते। सुख का आधार तो मन की शांति है। हमें मन की शांति के लिए प्रयत्नशील हो जाना चाहिए। जो बातें बीत चुकी हों उन्हें भुला देना चाहिए और सुखद भविष्य के लिए प्रयासरत हो जाना चाहिए। दुःख के कारण पुरानी सुखद बातों को मन ही मन दोहराते नहीं रहना चाहिए।

Some More Questions From गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना Chapter

भाव स्पष्ट कीजिये
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।

‘छाया’ शब्द यहाँ किस संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है? कवि ने उसे छूने के लिए मना क्यों किया है?

कविता में विशेषण के प्रयोग से शब्दों के अर्थ में विशेष प्रभाव पड़ता है, जैसे कठिन यथार्थ।
कविता में आए ऐसे अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए और यह भी लिखिए कि इससे शब्दों के अर्थ में क्या विशिष्टता पैदा हुई?

‘मृगतृष्णा’ किसे कहते हैं, कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है?

‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ - यह भाव कविता की किस पंक्ति से झलकता है?

कविता में व्यक्त दु:ख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।

‘जीवन में है सुरंग सुधियाँ सुहावनी’ से कवि का अभिप्राय जीवन की मधुर स्मृतियों से है। आपने अपने जीवन की कौन-कौन सी स्मृतियां संजो रखी हैं?

‘क्या हुआ जो खिला फूल रस बसंत जाने पर?’ कवि का मानना है कि समय बीत जाने पर भी उपलब्धि मनुष्य को आनंद देती है। क्या आप ऐसा मानते हैं? तर्क सहित लिखिए।

आप गर्मी की चिलचिलाती धूप में कभी सफ़र करें तो दूर सड़क पर आपको पानी जैसा दिखाई देगा पर पास पहुँचने पर वहाँ कुछ नहीं होता। अपने जीवन में भी कभी-कभी हम सोचते कुछ हैं, दिखता कुछ है लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है। आपके जीवन में घटे ऐसे किसी अनुभव को अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखकर अभिव्यक्त कीजिए।

‘छाया मत छूना’ कविता के आधार पर श्री गिरिजा कुमार माथुर की मानसिक सबलता पर टिप्पणी कीजिए।