Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
यदि तुम्हारी माँ न माध्यम बनी होती आज
मैं न सकता देख
मैं न पाता जान
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
धन्य तुम, माँ भी तुम्हारी धन्य!
चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य!
इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क
उंगलियां माँ की कराती रही हैं मधुपर्क
देखते तुम इधर कनखी मार
और होतीं जब कि आँखें चार
तब तुम्हारी तुरित मुसकान
मुझे लगती बड़ी ही छविमान!
अवतरण में निहित भावार्थ स्पष्ट कीजिए ।
Solution
कवि ने अपने बच्चे की सुंदर दंतावलि को देखा था और उसकी मुसकान पैर मुग्ध हो उठा था। वह अपनी पत्नी के प्रति आभारी था कि उसकी अनुपस्थिति में उसने बहुत अच्छे तरीके से बच्चे का प्रेमपूर्वक पालन-पोषण किया था।