Question
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
बैठा शुक उस घनी डाल पर
जो खोंते पर छाया देती।
पंख फुला नीचे खोंते में
शुकी बैठ अंडे है सेती।
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर।
किंतु, शुकी के गीत उमड़कर
रह जाते सनेह में सनकर।
गूँज रहा शुक का स्वर वन में,
फूला मग्न शुकी का पर है।
गती, अगीत, कौन सुदंर है?
शुकी घोसले में बैठी क्या कर रही थी?
- गाना गा रही है
- शुक से बातें कर रही है
- अंडो को से रही है
- झूला झूल रही है
Solution
B.
शुक से बातें कर रही है