Question
संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए-
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर
Solution
इसमें शुक पर प्रकृति के प्रभाव को कवि दर्शाते हुए कहता है मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी भी प्राकृतिक सौंदर्य से चहचहाने लगते हैं। जब सूर्य की प्रात: कालीन किरण शुक के अंगों को छूती है तो वह मधुर स्वर से गाने लगती है। किंतु शुकी का स्वर स्नेह में ही भीगकर रह जाता है वह अपने भावों द्वारा अपने गीत को व्यक्त नहीं कर पाती।