पानी की कहानी में लेखक ने कल्पना और वैज्ञानिक तथ्य का आधार लेकर आेस की बूँद की यात्रा का वर्णन किया है। ओस की बूँद अनेक अवस्थाओं में सूर्यमंडल, पृथ्वी, वायु, समुद्र, ज्वालामुखी, बादल, नदी और नल से होते हुए पेड़ के पत्ते तक की यात्रा करती है। इस कहानी की भांति आप भी लोहे अथवा प्लास्टिक की कहानी लिखने का प्रयास कीजिए।
इसमें हमे प्लास्टिक की कहानी लिख सकते हैं इस हेतु संकेत बिंदु निम्न रूप से हैं-
● रासायनिक पदार्थोे से प्लास्टिक का बनना।
● कई प्रकार की वस्तुओं का निर्माण।
● वस्तुओं का घिस जाना।
● दुबारा पिंघलकर प्लास्टिक बनना।
● फिर से नई वस्तुओं का निर्माण।
● इस प्रकार की प्रक्रिया का निरंतर चलते रहना।