पानी की कहानी

Question
CBSEENHN8001072

बूँद पत्ते पर क्यों सिकुड़ी पड़ी थी?

Solution
बूँद तीन दिन से पेड़ में फँसी हुई थी - जब वह बड़ी मुश्किल से पस के छेदों से जान बचाकर निकली तो उसने सोचा था कि बाहर निकलते ही सूर्य का ताप पाकर उड़ जाऊँगी। लेकिन उस समय रात हो चुकी थी। सूर्य छिप चुका था। इसलिए बूँद पत्ते पर ही सिकुड़ गई ताकि कुछ सुरक्षा पा सके। बूँद ने वायुमंडल में उड़ना भी चाहा था लेकिन वातावरण मैं इतने जल कण थे कि उसके लिए स्थान ही न था।

Some More Questions From पानी की कहानी Chapter

हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा?

“पानी की कहानी” के आधार पर पानी के जन्म और जीवन-यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

कहानी के अंत और आरंभ के हिस्से को स्वयं पढ़कर देखिए और बताइए कि ओस की बूँद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?

जलचक्र के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए और पानी की कहानी से तुलना करके देखिए कि लेखक ने पानी की कहानी में कौन-कौन सी बातें विस्तार से बताई हैं।

“पानी की कहानी” पाठ में ओस की बूँद अपनी कहानी स्वयं सुना रही है और लेखक केवल श्रोता है। इस आत्मकथात्मक शैली में आप भी किसी वस्तु का चुनाव करके कहानी लिखें।

समुद्र के तट पर बसे नगरों में अधिक ठंड और अधिक गरमी क्यों नहीं पड़ती?

पेड़ के भीतर फव्वारा नहीं होता, तब पेड़ की जड़ों से पत्ते तक पानी कैसे पहुँचता है? इस क्रिया को वनस्पति शास्त्र में क्या कहते हैं? क्या इस क्रिया को जानने के लिए कोई आसान प्रयोग है? जानकारी प्राप्त कीजिए।

पानी की कहानी में लेखक ने कल्पना और वैज्ञानिक तथ्य का आधार लेकर आेस की बूँद की यात्रा का वर्णन किया है। ओस की बूँद अनेक अवस्थाओं में सूर्यमंडल, पृथ्वी, वायु, समुद्र, ज्वालामुखी, बादल, नदी और नल से होते हुए पेड़ के पत्ते तक की यात्रा करती है। इस कहानी की भांति आप भी लोहे अथवा प्लास्टिक की कहानी लिखने का प्रयास कीजिए।

अन्य पदार्थो के समान जल की भी तीन अवस्थाएँ होती हैं। अन्य पदार्थो से जल की इन अवस्थाओं में एक विशेष अंतर यह होता है कि जल की तरल अवस्था की तुलना में ठोस अवस्था (बर्फ) हलकी होती है। इसका कारण प्रात कीजिए।

पाठ के साथ केवल पढ़ने के लिए दी गई पठन-सामग्री ‘हम पृथ्वी की संतान!’ का सहयोग लेकर पर्यावरण संकट पर एक लेख लिखें।