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सूर के पद
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ।
दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढुँढ़ि-ढ़ँढ़ोरि आपही आयौ।
खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध-दही सब सखनि खवायौ।
ऊखल चढ़ि, सींके की लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढरकायौ।
दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनैं ढँग लायौ।
सूर स्याम कौं हटकि न राखैं तैं ही पूत अनोयौ जायौ।
कृष्ण गोपियों के घर से मक्खन कहाँ से चुराते थे?
- बड़े-बड़े मटकों से
- छींकें की हांडी में से
- बंद डिब्बों में से
- रसोई घर में रखी हाँडियों से
B.
छींकें की हांडी में सेSome More Questions From सूर के पद Chapter
दोनों पदों में से आपको कौन-सा पब अधिक अच्छा लगा और क्यों?
दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकृष्ण की उम्र क्या रही होगी?
ऐसा हुआ हो कभी कि माँ के मना करने पर भी घर में उपलब्ध किसी स्वादिष्ट वस्तु की आपने चुपके-चुपके थोड़ा-बहुत खा लिया हो और चोरी पकड़े जाने पर कोई बहाना भी बनाया ही। अपनी आपबीती की तुलना श्रीकृष्ण की बाल लीला से कीजिए।
किसी ऐसी घटना के विषय में लिखिए जब किसी ने आपकी शिकायत की हो और फिर आपके किसी अभिभावक (माता-पिता बड़ा भाई-बहिन इत्यादि) ने आपसे उत्तर माँगा हो।
श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दिजिए।
श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।
कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-
पर्यायवाची - चंद्रमा-शशि, इंदु, राका
मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप
सूर्य-रवि, भानु, दिनकर
विपरीतार्थक - दिन-रात
श्वेत-श्याम
शीत-उष्ण
पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।
पर्यायवाची - चंद्रमा-शशि, इंदु, राका
मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप
सूर्य-रवि, भानु, दिनकर
विपरीतार्थक - दिन-रात
श्वेत-श्याम
शीत-उष्ण
पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।
चोटी बढ़ने की बात कौन किससे कर रहा है?
माँ ने चोटी बढ़ने का क्या प्रलोभन दिया?
कृष्ण कैसी चोटी चाहते हैं?
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