सूर के पद

Question
CBSEENHN8001027

श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?

Solution
श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि कब उनकी चोटी बड़ी होगी; कब यह लंबी और मोटी होगी; कब यह गूँथने पर जमीन पर नागिन की तरह लोटेगी।

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ऐसा हुआ हो कभी कि माँ के मना करने पर भी घर में उपलब्ध किसी स्वादिष्ट वस्तु की आपने चुपके-चुपके थोड़ा-बहुत खा लिया हो और चोरी पकड़े जाने पर कोई बहाना भी बनाया ही। अपनी आपबीती की तुलना श्रीकृष्ण की बाल लीला से कीजिए।

किसी ऐसी घटना के विषय में लिखिए जब किसी ने आपकी शिकायत की हो और फिर आपके किसी अभिभावक (माता-पिता बड़ा भाई-बहिन इत्यादि) ने आपसे उत्तर माँगा हो।

श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दिजिए।

श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।

कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-
पर्यायवाची -      चंद्रमा-शशि, इंदु, राका
                    मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप
                   सूर्य-रवि, भानु, दिनकर

विपरीतार्थक - दिन-रात
                श्वेत-श्याम
                शीत-उष्ण
पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।

चोटी बढ़ने की बात कौन किससे कर रहा है?

माँ ने चोटी बढ़ने का क्या प्रलोभन दिया?

कृष्ण कैसी चोटी चाहते हैं?

गोरस से आप क्या समझते हैं?

गोपी ने यशोदा को यह उलाहना क्यों दिया कि क्या तूने अनोखा पुत्र पैदा किया है?