Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।
ब्राह्मण को लोटे के बदले क्या मिला?
-
दस सोने के लोटे
-
पाँच सोने के लोटे
-
सौ सोने के लोटे
-
पचास सोने के लोटे
Solution
A.
दस सोने के लोटे