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अकबरी लोटा
Question
निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हफ़्ते का अंतिम दिन। कल ढाई सौ रुपये या तो गिन देना है या सारी हेंकड़ी से हाथ धोना है। यह सच है कि कल रुपया न आने पर उनकी स्त्री उन्हें डामलफाँसी न कर देगी-केवल जरा-सा हँस देगी। पर वह कैसी हँसी होगी, कल्पना मात्र से झाऊलाल में मरोड़ पैदा हो जाती थी।
वे बार-बार क्या सोच रहे थे?
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रुपए का प्रबंध कहाँ से होगा?
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पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।
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कल या तो पत्नी को रुपए देकर शान बनेगी या सारी शेखी व रोब जाता रहेगा।
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पत्नी का भयानक रूप उनके समक्ष मंडरा रहा था।
Solution
C.
कल या तो पत्नी को रुपए देकर शान बनेगी या सारी शेखी व रोब जाता रहेगा।Some More Questions From अकबरी लोटा Chapter
अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।
बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।
आपके विचार से अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
“इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
“उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”
समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
“लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”
“अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”
“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?
यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?
जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
“अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।”
उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
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