-
Call Us
+91 8076753736 -
Send us an Email
[email protected]
सुदामा चरित
कृष्ण ने सुदामा की मनोदशा जान ली थी। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से सुदामा की सहायता न करके अप्रत्यक्ष रूप से की क्योंकि प्रत्यक्ष रूप में सुदामा को कुछ भी देकर वे उसे उसकी नजरों में नीचा नहीं करना चाहते थे। ऐसी मित्रता निभाई कि सुदामा दिल ही दिल उनके कृतज्ञ हो गए।
Sponsor Area
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।
विपति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत।।
इस दोहे में रहीम ने सच्चे मित्र की पहचान बताई है। इस दोहे से सुदामा चरित की समानता किस प्रकार दिखती है? लिखिए।
Sponsor Area