‘मित्रता’ संबंधी दोहों का संकलन कीजिए।
मित्रता संबंधी दोहो/चौपाइयाँ
1. कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।
विपति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत।।
2. जे न मित्र दुख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी।
निज दुख गिरि समरज जाना। मित्रक दुख रज मेरु समाना।।