भगवान के डाकिए

Question
CBSEENHN8000670

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

एक देश का सौरभ दूसरे देश में कैसे पहुँचता हैं।
  • पक्षियों के पंखों से व हवा के झोंकों में तैरकर
  • वर्षा के साथ बहकर
  • लोगों के द्वारा
  • छोटे-छोटे जीव-जंतुओं मग

Solution

A.

पक्षियों के पंखों से व हवा के झोंकों में तैरकर

Sponsor Area

Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।

पक्षी और बाबल द्वारा लाई गई चिट्टियों को कौन-कौन पढ पाते हैं? सोचकर लिखिए।

किन पंक्तियों का भाव है-
पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

किन पंक्तियों का भाव है-
प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।


पक्षी और बादल की चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए बस पंक्तियाँ लिखिए।

'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या हैं? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।'

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।