भगवान के डाकिए

Question
CBSEENHN8000663

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

‘बादल व पक्षी’ क्यों डाकिए कहलाते हैं?
  • क्योंकि वे ईश्वर का संदेश लाते हैं।
  • क्योंकि वे चिट्ठियां बांटते है।
  • क्योंकि वे लोगों के सुख-दुख जान लेते हैं।
  • इनमें से कोई नहीं।

Solution

A.

क्योंकि वे ईश्वर का संदेश लाते हैं।

Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

किन पंक्तियों का भाव है-
प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।


पक्षी और बादल की चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए बस पंक्तियाँ लिखिए।

'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या हैं? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।'

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

भगवान के डाकिए कौन हैं?

‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।

‘भगवान के डाकिए’ कविता से क्या संदेश मिलता है?