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चिट्ठियों की अनूठी दुनिया

Question
CBSEENHN8000601

क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?

Solution
भले ही ‘वर्तमान में फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल का चलन बढ़ता जा रहा है। लोग सुविधानुसार अपने कार्यो को करने के लिए इन साधनों का प्रयोग करने लगे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि पत्रों का चलन कम नहीं हो सकता। पत्रों की अपनी दुनिया है जिसमें विश्व स्तर तक वे अपना विस्तार पाते है। आज व्यापारिक व विभागीय कार्यो की प्रत्येक सूचना पत्रों द्वारा ही पहुँचाई जाती है। डाक विभाग के साथ-साथ कोरियर कंपनियाँ भी चाहे काम करती रहें लेकिन डाक विभाग का अपना महत्त्व है। पत्रों का चलन न कभी कम हुआ था, न कम है और न कभी कम होगा।

Some More Questions From चिट्ठियों की अनूठी दुनिया Chapter

पत्र को खत, कागद, उत्ताम, जादू, लेख, कडिद, पाती, चिट्टी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।

पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हए? लिखिए।

पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।

क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?

किसी के लिए बिना टिकट सावे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।

पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?

ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र ‘महात्मा गांधी-इंडिया’ पता लिखकर आते थे?

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘भगवान के डाकिए’ आपकी पाठ्यपुस्तक में है। उसके आधार पर पक्षी और बादल को डाकिए की भाँति मानकर अपनी कल्पना से लेख लिखिए।

संस्कृत साहित्य के महाकवि कालिदास ने बादल को संदेशवाहक बनाकर ‘मेघदूत’ नाम का काव्य लिखा है। ‘मेघदूत’ के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।

पक्षी को संदेशवाहक बनाकर अनेक कविताएँ एवं गीत लिखे गए हैं। एक गीत है-’जा-जा रे कागा विदेशवा, मेरे पिया से कहियो संदेशवा’। इस तरह के तीन गीतों का संग्रह कीजिए। प्रशिक्षित पक्षी के गले में पत्र बाँधकर निर्धारित स्थान तक पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। मान लीजिए आपको एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो आप वह पत्र किसे भेजना चाहेंगे और उसमें क्या लिखना चाहेंगे।