पक्षी को संदेशवाहक बनाकर अनेक कविताएँ एवं गीत लिखे गए हैं। एक गीत है-’जा-जा रे कागा विदेशवा, मेरे पिया से कहियो संदेशवा’। इस तरह के तीन गीतों का संग्रह कीजिए। प्रशिक्षित पक्षी के गले में पत्र बाँधकर निर्धारित स्थान तक पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। मान लीजिए आपको एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो आप वह पत्र किसे भेजना चाहेंगे और उसमें क्या लिखना चाहेंगे।
तीन गीतों का संग्रह-
1. कबूतर जा जा, जा, पहले प्यार की पहली चिट्ठी साजन को दे आ।
2. पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके, कोई सरहद न इन्हें रोके।
3. उड़जा काले कागा, तेरे मुंह विच खंड पावाँ
ले जा तू संदेशा मेरा मैं सदके जावाँ।
यदि मुझे एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो मैं वह पत्र ‘भगवान’ को भेजना चाहूँगा और उसमें यह लिखूँगा कि मेरे भारत देश में सदा अमन-शांति रहे, सभी लोग मिलजुल कर रहें व देश दिनों-दिन चौगुनी उन्नति करे।