कबीर की साखियाँ

Question
CBSEENHN8000768

निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?
  • ताकि वह बुरा न मान जाए।
  • क्योंकि केवल उसके ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
  • जाति का कोई महत्त्व नहीं होता।
  • जाति भावना से सभी लोग ज्ञान नहीं कर पाएंगे।

Solution

B.

क्योंकि केवल उसके ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

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बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती हैं। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो।
ग्यान, जीभि, पाऊँ. तलि, आँखि, बरी।

साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?

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