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कबीर की साखियाँ
Question
निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
किसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए?
-
साधु अर्थात् ज्ञानी
-
पंडित
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गुरु
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सहपाठी
Solution
A.
साधु अर्थात् ज्ञानीSome More Questions From कबीर की साखियाँ Chapter
कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा जाता है? ज्ञात कीजिए।
बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती हैं। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो।
ग्यान, जीभि, पाऊँ. तलि, आँखि, बरी।
साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?
क्या हमें पलटकर किसी को गाली देनी चाहिए? यदि नहीं तो क्यों?
कबीर ने अपनी साखी में भक्ति के मार्ग पर पाखंडों का विरोध क्यों और कैसे किया है?
कबीर के अनुसार समाज में कभी किसी को कमजोर क्यों नहीं समझना चाहिए?
कबीर की साखियाँ क्या संदेश देती हैं?
‘साखियाँ’ शब्द क्या अर्थ देता है?
साधु की जाति न पूछने की सलाह कबीर ने क्यों दी है?
किसी को अपशब्द क्यों नहीं कहने चाहिए?
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