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कबीर की साखियाँ

Question
CBSEENHN8000748

तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’-उक्त उदाहरण से कबीर क्या कहना चाहते हैं? स्पष्ट कीजिए।

Solution
‘तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं’ इस उदाहरण से कबीर कहना चाहते हैं कि महत्त्व सदा मुख्य वस्तु का होता है जैसे हम तलवार लेना चाहें तो उसकी धार देखकर उसका मोल भाव करेंगे उसका म्यान कितना भी सुंदर क्यों न हो उसकी ओर हम ध्यान नहीं देते। ठीक वैस ही जैसे साधु-संतों के ज्ञान की महत्ता होती है उनकी जाति से किसी को कोई सरोकार नहीं होता।

Some More Questions From कबीर की साखियाँ Chapter

बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती हैं। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो।
ग्यान, जीभि, पाऊँ. तलि, आँखि, बरी।

साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?

क्या हमें पलटकर किसी को गाली देनी चाहिए? यदि नहीं तो क्यों?

कबीर ने अपनी साखी में भक्ति के मार्ग पर पाखंडों का विरोध क्यों और कैसे किया है?

कबीर के अनुसार समाज में कभी किसी को कमजोर क्यों नहीं समझना चाहिए?

कबीर की साखियाँ क्या संदेश देती हैं?

‘साखियाँ’ शब्द क्या अर्थ देता है?

साधु की जाति न पूछने की सलाह कबीर ने क्यों दी है?

किसी को अपशब्द क्यों नहीं कहने चाहिए?

ईश्वर की भक्ति हेतु कवि ने मन के बारे में क्या कहा है?