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TextBook Solutions for Uttarakhand Board Class 10 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 2 Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

Question 1
CBSEHHISSH10018596

सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।

Solution

सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक निम्नलिखित है-

(i) लोगों में अपनी राजनीति के प्रति आग्रह की भावना- यदि अपनी अलग पहचान बनाने के लिए एक व्यक्ति स्वयं को सबसे विशिष्ट और महत्वपूर्ण मानने लगे तो इससे आपसी सामंजस्य नहीं बैठ पता। लोग राष्ट्र पहचान की भावना को पहले रखते हैं तो कोई ऐसी कोई समस्या पैदा नहीं होती। उदाहरण के लिए बेल्जियम के अधिकतर लोग, चाहे वह डच या जर्मन बोलते हो वह खुद को बेल्जियाई ही मानते है।
(ii) समुदाय की माँगों के प्रति राजनीतिक दल- दूसरा कारक है राजनितिक दलों को संविधान के अंतर्गत रहकर कार्य करना और ऐसी किसी मांग को न उठाना जो दूसरे समुदायों को नुकसान पहुँचाने वाली हो तथा ऐसी मांग को मान लेना जिससे दूसरे समुदायों को कोई नुकसान न हो और जो संवैधानिक भी हो। उदाहरण के लिए यदि श्रीलंका में केवल सिंहलियो के हितों की मांग और तमिलों की अवहेलना की जाएगी तो हमेशा संघर्ष और गृहयुद्ध का वातावरण बना रहेगा। ऐसे में राजनीति दलों का यह कर्तव्य है कि सभी सामाजिक वर्गों के हितों का ध्यान रखें।
(iii) विभिन्न समूहों की माँगों के प्रति प्रतिक्रिया- यदि सरकार सत्ता में भागीदारी करने और अल्पसंख्यक समुदायों की उचित माँगों को ईमानदारी से स्वीकार करती है, तो सामाजिक बँटवारा खतरे का रूप धारण नहीं करता। यदि सरकार राष्ट्रीय एकता के नाम पर इन माँगों को दबाती है तो इसका परिणाम हमेशा विपरीत होता है। उदाहरण के लिए बेल्जियम की सरकार सत्ता में भागीदारी में विश्वास रखती है, सभी सामाजिक वर्गों को प्रशासनिक गतिविधियों में भागीदार बनाती है तो कोई समस्या पैदा नहीं होती। लेकिन श्रीलंका की सरकार अनेक वर्गों को शासन तंत्र से अलग रखती है इससे न तो केवल संघर्ष और कलह उत्पन्न होगा अपितु देश का विभाजन भी हो सकता है। 

 
Question 9
CBSEHHISSH10018604

मार्टिन लूथर किंग जूनियर के 1963 के प्रसिद्ध भाषण के निम्नलिखित अंश को पढ़े। वे किस सामाजिक विभाजन की बात कर रहे हैं? उनकी उम्मीदें और आशंकाएँ क्या-क्या थी? क्या आप उनके बयान और मैक्सिको ओलंपिक की उस घटना में कोई संबंध देखते हैं जिसका जिक्र इस अध्याय में था?
'मेरा एक सपना है कि मेरे चार नन्हें बच्चे एक दिन ऐसे मुल्क में रहेंगे जहाँ उन्हें चमड़ी के रंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनके चरित्र के असल गुणों के आधार पर परखा जाएगा। स्वतंत्रता को उसके असली रूप में आने दीजिए। स्वतंत्रता तभी कैद से बहार आ पाएगी जब यह हर बस्ती, हर गाँव तक पहुँचेगी, हर राज्य और हर शहर में होगी और हम उस दिन को ला पाएँगे। जब ईश्‍वर की सारी संतानें- अश्‍वेत स्त्री पुरुष, गोरे लोग, यहूदी तथा गैर-यहूदी, प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक-हाथ में हाथ डालेंगी और इस पुरानी नीग्रो प्रार्थना को गाएँगी - 'मिली आज़ादी, मिली आज़ादी! प्रभु बलिहारी, मिली आज़ादी!' मेरा एक सपना है कि यह देश उठ खड़ा होगा और अपने वास्तविक स्वभाव के अनुरूप कहेगा, 'हम इस स्पष्ट सत्य को मानते हैं कि सभी लोग सामान है।'

Easy

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