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आपा और आत्मविश्वास-आपा का अर्थ है अहंकार जबकि आत्मविश्वास का अर्थ है अपने ऊपर विश्वास, जिसके बल पर मनुष्य बड़ी-से-बड़ी मुश्किल पर भी काबू पा जाता है।
आपा और उत्साह-आपा का अर्थ है अहंकार जबकि उत्साह का अर्थ है किसी काम को करने का जोश; उमंग या खुशी व साहस से आगे बढ़ने की इच्छा।
B.
प्रत्यक्ष ज्ञान का अनुभव करके सीख देना।B.
बराबर जाति वाले से ज्ञान प्राप्त करके ही हम ज्ञानवान बन सकते हैं।Sponsor Area
D.
मन की एकाग्रचित्त करके भक्ति करनी चाहिए।D.
कभी पैरों तले रौंदी जानेवाली घास के तिनके की भी निंदा न कसे क्योकि यदि वह शक्ति पा ले तो तेज हवा के उड़ने पर आँख में पड़कर गहरी पीड़ा पहुंचाता है।B.
क्योंकि केवल उसके ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।B.
क्योंकि तलवार की धार काम आती है म्यान नहीं।B.
साधु या ज्ञानी की जाति न पूछकर उनके ज्ञान को विनम्रतापूर्वक प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।C.
जब सुनने वाला कहने वाले को भी गाली दे।B.
जब गाली सुनने वाला कोई उत्तर न दे अर्थात् पलट कर गाली न दे।D.
यदि हमें कोई अपशब्द कहे तो हमें मौन रहना चाहिए ताकि अपशब्द की संख्या न बढ़े।C.
हाथ में मनकों की माला और मुँह में निरंतर राम का नाम लेकिन मन का दसों दिशाओं में भटकनाA.
मन एकाग्रचित्त होकर प्रभु भक्ति में न लगकर रसों दिशाओं की ओर घूमता है।B.
अत्यधिक कष्ट देता है।C.
कभी किसी को छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए।Sponsor Area
C.
जो अहंकार त्याग देता है उस पर सब कृपाभाव बनाए रखते हैं।B.
जब कोई अहंकार त्यागकर बात करता है।C.
हमें अपना स्वभाव निर्मल बनाना चाहिए ताकि सभी हम पर कृपाभाव बनाए रखें।Sponsor Area
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