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बच्चों को जब घर के कार्य करने के लिए कहा गया तो वे करने के लिए तैयार तो हो गए लेकिन उन्हें कुछ भी न आता था। नतीजा यह हुआ कि घर में ऐसा अहसास होने लगा जैसे तूफ़ान आ गया हो। सबसे पहले दरी साफ की गई जिसने इतनी धूल उड़ाई कि घर ही धूल से भर गया बाद में पानी डालने से दरी की धूल कीचड़ ही हो गई। फिर पड़ी को पानी देने के बारे में सोचा तो छोटे से छोटा बर्तन भी इस कार्य हेतु जुज लिया गया और नल पर इतना झगड़ा हुआ कि कोई पानी न भर सका।
मुर्गियों को दड़बे में बंद करने की सोची गई तो सारी की सारी मुर्गियाँ घर में फैल गई , भेड़ों काे दाने का सूप दिया गया तो जैसे घर में तूफ़ान ही आ गया। बच्चों ने दूध दुहने की सोची तो भैंस को चाचाजी की चारपाई से इस कदर बाँधा कि वह चाचाजी को चारपाई समेत लेकर ही भाग गई।
शाम होने तक सारे घर में मुर्गियाँ, भेड़ें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे व बच्चे इस कदर दिखाई पड़ने लगे जैसे घर में तूफान आ गया हो। इस प्रकार बच्चों के ऊधम मचाने से घर की दुर्दशा हुई।
“या तो बच्चाराज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” - ये शब्द अम्मा ने तब कहे जब बच्चों ने पूरे दिन घर का काम करके ऊधम ही मचा दिया। पूरे घर में जैसे भूचाल ही आ गया।
अम्मा ने निर्णय कर लिया कि यदि घर का काम बच्चे ही करेंगे तो वे यहाँ नहीं रहेंगी। अपने मायके आगरा चली जाएँगी। इसका परिणाम यह निकला कि अब्बा ने सभी बच्चों को हिदायत दी कि अब कोई भी घर के काम को हाथ नहीं लगाएगा यदि किसी ने घर का काम किया तो उसे रात का खाना नहीं दिया जाएगा।
घरेलू नौकरों को हटाने की बात निम्न परिस्थितियों में उठ सकती है-
(क) जब नौकर मालिक को जवाब देने लगें।
(ख) जब कभी वह घर में चोरी कर लें।
(ग) बार-बार जरूरत से अधिक वेतन की मांग करें।
(घ) घर का काम सुचारु रूप से न करें।
(ङ) बार-बार आवश्यकता से अधिक छुटी लेकर जाने लगें।
इन बच्चों की आदतें बिगड़ने का कारण है इनसे बचपन में काम न लेना उन्हें किसी भी काम की जानकारी न देना। इसीलिए वे किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं हैं। सभी कार्यों हेतु नौकरों पर निर्भर रहते हैं।
इन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं-
1. उन्हें छोटे-छोटे कार्यों को करने की स्वछंदता दी जाए।
2. कार्य गलत होने पर उन्हें डाँटना-फटकारना नहीं चाहिए।
3. प्रत्येक कार्य हेतु उनका आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए।
4. बच्चों के पूर्ण सहयोगी बनना चाहिए।
5. कार्य करते हुए यदि कोई मुश्किल आ जाए तो उन्हें सिखाना भी हमारा कर्तव्य बनता है।
1. प्र - प्रदान, प्रयत्न, प्रगति।
2. आ - आदान, आजीवन, आक्रमण।
3. भर - भरपेट, भरपाई, भरपूर।
4. बद - बदनाम, बदतर, बदसूरत।
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C.
उन्हें कभी काम सिखाया ही न गया था।A.
बच्चे काम करेंगे तो उन्हें मेहनताना भी मिलेगा नहीं तो रात का भोजन नहीं मिलेगा।C.
तूफान के रूप में मुर्गियाँ, भेड़े, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, लोटे, कटोरे और बच्चे बिखरे पड़े थे।B.
शाही फरमान जिसका उल्लंधन नहीं किया जा सकता।C.
सबका सांस लेना कठिन हो गया। सबके सिरों पर धूल जम गई, नाक व आँखों में घुस गई।Sponsor Area
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
घर में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे बाहर किए गए। मुर्गियाँ बाग में हँकाई गई। मातम-सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं।
“या तो बच्चा-राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके,” अम्मा ने चुनौती दे दी।
तूफ़ान का रूप क्या था?
C.
सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे और बच्चे बिखरे परे थे।नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।
अब्बा ने सबको कतार में खड़ा क्यों किया?
A.
जब अम्मा बच्चों से परेशान होकर मायके जाने लगी तो अब्बा ने कुछ हिदायते देने हेतु।नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।
‘कोर्ट मार्शल’ से आप क्या समझते हैं?
B.
शाही फरमान जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता।नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।
बच्चों को क्या हिदायत दी गई?
C.
यदि कोई काम को हाथ लगाएगा तो उसे रात का खाना नहीं दिया जाएगा।नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।
बच्चों ने क्या निश्चय किया?
B.
वे अब हिलकर पानी नहीं पिएँगे अर्थात् कोई काम नहीं करेंगे।Sponsor Area
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