Vasant Bhag 3 Chapter 10 कामचोर
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    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    कामचोर Here is the CBSE Hindi Chapter 10 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi कामचोर Chapter 10 NCERT Solutions for Class 8 Hindi कामचोर Chapter 10 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8001125

    कहानी में 'मोटे-मोटे किस काम के हैं?' किन के बारे में और क्यों कहा गया? 

    Solution
    कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के’ घर के बच्चों के लिए कहा गया है क्योंकि उनके माता-पिता काे लगता है कि वे केवल नौकरों पर हुक्म चलाते हैं और खा-पीकर आराम करते हैं। घर का कोई काम नहीं करते।
    Question 2
    CBSEENHN8001126

    बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा र्हुई?

    Solution

    बच्चों को जब घर के कार्य करने के लिए कहा गया तो वे करने के लिए तैयार तो हो गए लेकिन उन्हें कुछ भी न आता था। नतीजा यह हुआ कि घर में ऐसा अहसास होने लगा जैसे तूफ़ान आ गया हो। सबसे पहले दरी साफ की गई जिसने इतनी धूल उड़ाई कि घर ही धूल से भर गया बाद में पानी डालने से दरी की धूल कीचड़ ही हो गई। फिर पड़ी को पानी देने के बारे में सोचा तो छोटे से छोटा बर्तन भी इस कार्य हेतु जुज लिया गया और नल पर इतना झगड़ा हुआ कि कोई पानी न भर सका।
    मुर्गियों को दड़बे में बंद करने की सोची गई तो सारी की सारी मुर्गियाँ घर में फैल गई , भेड़ों काे दाने का सूप दिया गया तो जैसे घर में तूफ़ान ही आ गया। बच्चों ने दूध दुहने की सोची तो भैंस को चाचाजी की चारपाई से इस कदर बाँधा कि वह चाचाजी को चारपाई समेत लेकर ही भाग गई।
    शाम होने तक सारे घर में मुर्गियाँ, भेड़ें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे व बच्चे इस कदर दिखाई पड़ने लगे जैसे घर में तूफान आ गया हो। इस प्रकार बच्चों के ऊधम मचाने से घर की दुर्दशा हुई।

    Question 3
    CBSEENHN8001127

    “या तो बच्चाराज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?

    Solution

    “या तो बच्चाराज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।”  - ये शब्द अम्मा ने तब कहे जब बच्चों ने पूरे दिन घर का काम करके ऊधम ही मचा दिया। पूरे घर में जैसे भूचाल ही आ गया।
    अम्मा ने निर्णय कर लिया कि यदि घर का काम बच्चे ही करेंगे तो वे यहाँ नहीं रहेंगी। अपने मायके आगरा चली जाएँगी। इसका परिणाम यह निकला कि अब्बा ने सभी बच्चों को हिदायत दी कि अब कोई भी घर के काम को हाथ नहीं लगाएगा यदि किसी ने घर का काम किया तो उसे रात का खाना नहीं दिया जाएगा।

    Question 4
    CBSEENHN8001128

    ‘कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती है? 

    Solution
    ‘कामचोर’ कहानी यह संदेश देती है कि बच्चों को घर के कामों से अनभिज्ञ नहीं होना चाहिए। कुछ छोटे-मोटे कार्यो को करने की आदत डालनी चाहिए। माता-पिता को भी चाहिए कि बच्चों से छोटे-छोटे कार्य करवा कर उन्हें काम करने की आदत डालें। न कि उन्हें पूर्णतया नौकरों पर निर्भर कर दें।
    इस पाठ में भी यही दर्शाया है कि पहले तो माता-पिता ने बच्चों को काम करने की आदत डाली नहीं और जब उन्हें काम करने को कहा तो वे बेचारे कुछ कर नहीं पाए इसमें उनका भी कोई कसूर न था। अपनी ओर से तो उन्होंने कार्य करने की पूरी कोशिश की थी।
    Question 5
    CBSEENHN8001129

    क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे?

    Solution
    बच्चों ने न काम करने का निर्णय उचित नहीं लिया क्योंकि ऐसे तो वे कभी-भी कोई काम करना सीख ही न पाएँगें। उन्हें चाहिए था कि माता-पिता की देख-रेख में कार्य करने शुरू करते और माता-पिता का भी कर्तव्य था कि उन्हें काम सिखाने में उनकी मदद करते।
    Question 6
    CBSEENHN8001130

    घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करना आवश्यक क्यों है?

    Solution
    घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप करना चाहिए क्योंकि क्षमता के अनुसार किया गया कार्य सही और सुचारु रूप से होता है। मनुष्य सदा उसे मन लगाकर करता है और सफलता भी पाता है।
    Question 7
    CBSEENHN8001131

    भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।

    Solution
    भरा पूरा परिवार सुखद तब बन सकता है जब सब मिल-जुलकर सभी कार्य करें व दुखद तब बनता है जब सभी स्वार्थ की भावना से कार्य करें, कोई अपने कार्यों के प्रति सचेत न हो। एक व्यक्ति पिसता रहे व दूसरे आराम करते रह। कामचोर कहानी के आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि बच्चों को पहले तो कोई काम सिखाया नहीं गया और न ही किसी काम की जिम्मेदारी उन पर डाली गई। सभी काम अम्मा या घर के नौकर करते थे। एक समय ऐसा आया कि अम्मा-अब्बा भी नौकरों से तंग आ गए। उन्हें अपने बच्चे भी निठल्ले लगने लगे। एकदम से उनका यह निर्णय लेना कि सभी काम बच्चे करें परिवार के लिए दुखदायी बन जाता है क्योंकि बच्चों को किसी काम को करने का सलीका ही नहीं आता। सारा घर तूफान आने की भांति बिखर जाता है। यह सब माँ सहन नहीं कर सकती और यह निर्णय लेती है कि यदि बच्चे काम करेंगे तो वह अपने मायके चली जाएँगी। अंत में अब्बा बच्चों को हिदायत देते हैं कि वे किसी काम को हाथ नहीं लगाएँगे। यदि कोई काम करेंगे तो उन्हें रात का खाना नहीं दिया जाएगा।
    इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि यदि बच्चों को थोड़ा-थोड़ा काम करने की आदत डाली जाती तो ऐसी दुखदायी स्थिति ही उत्पन्न न होती।
    Question 8
    CBSEENHN8001132

    बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

    Solution
    बड़े होते बच्चे यदि माता-पिता के कार्यों में हाथ बँटाएँ व अपने छोटे-मोटे कार्यों हेतु उन पर निर्भर न रहें तो वे उनके सहयोगी हो सकते हैं। यदि पूर्णतया माता-पिता पर ही निर्भर रहें तो कभी-कभी वे भार भी लगने लगते हैं-जैसे कामचोर कहानी में बच्चे पानी तक भी स्वयं नहीं पीते, हर कार्य हेतु माता-पिता या नौकरों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे बच्चे कई बार माता-पिता को भार लगने लगते हैं। वास्तव में बच्चों का भी कसूर नहीं होता क्योंकि माता-पिता उन्हें समयानुसार कोई कार्य सिखाते नहीं हैं इसीलिए वे सक्षमता से कार्य करने में असफल रहते हैं।
    Question 9
    CBSEENHN8001133

    ‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की? इन दोनों तरह के परिवारों में क्या-क्या अंतर होते हैं?

    Solution
    ‘कामचोर’ कहानी संयुक्त परिवार की कहानी है। एकल परिवार में माता-पिता एवं उनके बच्चे ही रहते हैं और संयुक्त परिवार में माता-पिता, दादा-दादी. चाचा, ताऊ सभी के बच्चे और बुआ आदि सब साथ-साथ रहते हैं। सभी एक-दूसरे के दुख-सुख में सहर्ष भाग लेते हैं। ‘कामचोर’ कहानी में भी सभी रिश्ते-नातों को दर्शाया गया है।
    Question 10
    CBSEENHN8001134

    घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।

    Solution

    घरेलू नौकरों को हटाने की बात निम्न परिस्थितियों में उठ सकती है-
    (क) जब नौकर मालिक को जवाब देने लगें।
    (ख) जब कभी वह घर में चोरी कर लें।
    (ग) बार-बार जरूरत से अधिक वेतन की मांग करें।
    (घ) घर का काम सुचारु रूप से न करें।
    (ङ) बार-बार आवश्यकता से अधिक छुटी लेकर जाने लगें।

    Question 11
    CBSEENHN8001135

    कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या-क्या सुझाव देना चाहेंगे?

    Solution

    इन बच्चों की आदतें बिगड़ने का कारण है इनसे बचपन में काम न लेना उन्हें किसी भी काम की जानकारी न देना। इसीलिए वे किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं हैं। सभी कार्यों हेतु नौकरों पर निर्भर रहते हैं।
    इन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं-
    1. उन्हें छोटे-छोटे कार्यों को करने की स्वछंदता दी जाए।
    2. कार्य गलत होने पर उन्हें डाँटना-फटकारना नहीं चाहिए।
    3. प्रत्येक कार्य हेतु उनका आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए।
    4. बच्चों के पूर्ण सहयोगी बनना चाहिए।
    5. कार्य करते हुए यदि कोई मुश्किल आ जाए तो उन्हें सिखाना भी हमारा कर्तव्य बनता है।

    Question 14
    CBSEENHN8001138

    इस पाठ का मुख्य आधार क्या है?

    Solution
    इस पाठ का मुख्य आधार है बच्चों का काम न करना।
    Question 15
    CBSEENHN8001139

    किसी-किसी परिवार के बच्चे काम क्यों नहीं करते?

    Solution
    जिन बच्चों को काम करने की आदत ही न डाली जाए तो वे काम नहीं करते।
    Question 16
    CBSEENHN8001140

    बच्चों ने किस लालच में कार्य किए?

    Solution
    एक तो वे यह सुनना नहीं चाहते थे कि वे काम नहीं कर सकते। दूसरा अब्बा ने उन्हें पैसे देने का भी वायदा किया। उन्होंने उदाहरण देकर भी कहा कि माली पौधों को पानी देकर तनख्वाह पाता है, वह तुम्हें भी दी जाएगी।
    Question 17
    CBSEENHN8001141

    बच्चों द्वारा घर के काम करने के कारण पूरे घर का अब क्या हाल था?

    Solution
    पूरे घर में उथल-पुथल मच गई। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेड़ें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, लौटे, कटोरे और बच्चे फैल गए।

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    Question 18
    CBSEENHN8001142

    इस कहानी से क्या सीख मिलती है?

    Solution
    इस कहानी से सीख मिलती है कि माता-पिता का कर्तव्य है कि बच्चों को बचपन से थोड़ा- थोड़ा काम करने की आदत डालें। तभी वे बड़े होकर निपुण बन सकते हैं।
    Question 24
    CBSEENHN8001148

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    बड़ी देर के बाद-विवाद के वाद यह तय हुआ कि सचमुच नौकरों को निकाल दिया जाए। आखिर, ये मोटे-मोटे किस काम के हैं! हिलकर पानी नहीं पीते। इन्हें अपना काम खुद करने की आदत होनी चाहिए। कामचोर कहीं के!
    “तुम लोग कुछ नहीं। इतने सारे हो और सारा दिन ऊधम मचाने के सिवा कुछ नहीं करते।”
    और सचमुच हमें खयाल आया कि हम आखिर काम क्यों नहीं करते? हिलकर पानी पीने में अपना क्या खर्च होता है? इसलिए हमने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू किया।

    वाद-विवाद किनके मध्य हो रहा है?
    • अम्मा व बाबा
    • बड़ी दीदी व बच्चे
    • चाचाजी व बच्चे
    • अम्मा व दादी

    Solution

    A.

    अम्मा व बाबा
    Question 25
    CBSEENHN8001149

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    बड़ी देर के बाद-विवाद के वाद यह तय हुआ कि सचमुच नौकरों को निकाल दिया जाए। आखिर, ये मोटे-मोटे किस काम के हैं! हिलकर पानी नहीं पीते। इन्हें अपना काम खुद करने की आदत होनी चाहिए। कामचोर कहीं के!
    “तुम लोग कुछ नहीं। इतने सारे हो और सारा दिन ऊधम मचाने के सिवा कुछ नहीं करते।”
    और सचमुच हमें खयाल आया कि हम आखिर काम क्यों नहीं करते? हिलकर पानी पीने में अपना क्या खर्च होता है? इसलिए हमने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू किया।

    परिवार में क्या तय किया गया?
    • बच्चों को नौकर बनाया जाए।
    • घर के सभी काम बच्चे करें।
    • नौकरों को निकाल दिया जाए।
    • बच्चे समय व्यर्थ न करें।

    Solution

    C.

    नौकरों को निकाल दिया जाए।
    Question 26
    CBSEENHN8001150

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    बड़ी देर के बाद-विवाद के वाद यह तय हुआ कि सचमुच नौकरों को निकाल दिया जाए। आखिर, ये मोटे-मोटे किस काम के हैं! हिलकर पानी नहीं पीते। इन्हें अपना काम खुद करने की आदत होनी चाहिए। कामचोर कहीं के!
    “तुम लोग कुछ नहीं। इतने सारे हो और सारा दिन ऊधम मचाने के सिवा कुछ नहीं करते।”
    और सचमुच हमें खयाल आया कि हम आखिर काम क्यों नहीं करते? हिलकर पानी पीने में अपना क्या खर्च होता है? इसलिए हमने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू किया।

    ‘मोटे-मोटे’ शब्द किनके लिए प्रयुक्त हुआ है?
    • नौकरों के लिए
    • भेड़ों के लिए
    • बच्चों के लिए
    • काम न करने वालों के लिए।

    Solution

    C.

    बच्चों के लिए
    Question 28
    CBSEENHN8001152

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    बड़ी देर के बाद-विवाद के वाद यह तय हुआ कि सचमुच नौकरों को निकाल दिया जाए। आखिर, ये मोटे-मोटे किस काम के हैं! हिलकर पानी नहीं पीते। इन्हें अपना काम खुद करने की आदत होनी चाहिए। कामचोर कहीं के!
    “तुम लोग कुछ नहीं। इतने सारे हो और सारा दिन ऊधम मचाने के सिवा कुछ नहीं करते।”
    और सचमुच हमें खयाल आया कि हम आखिर काम क्यों नहीं करते? हिलकर पानी पीने में अपना क्या खर्च होता है? इसलिए हमने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू किया।

     बच्चों ने क्या निर्णय लिया?

    • किसी को कोई काम न करने देंगे
    • वे घर से भाग जाएँगे
    • कुछ काम करेंगे
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    C.

    कुछ काम करेंगे
    Question 29
    CBSEENHN8001153

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों ओर आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ू देने का फैसला किया।
    झाड़ू क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में बाबू झाड़ू के पुर्जे उड़ गए। जितनी सींके जिसके हाथ पड़ी. वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब झरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम। 

    बच्चे कौन-सा काम कर रहे थे?

    • मुर्गियों को दबड़े तक पहुँचा रहे थे 
    • भेड़ों को दाना खिला रहे थे
    • फर्शी दरी साफ कर रहे थे 
    • आँगन झाडू लगा रहे थे

    Solution

    C.

    फर्शी दरी साफ कर रहे थे 
    Question 30
    CBSEENHN8001154

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों ओर आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ू देने का फैसला किया।
    झाड़ू क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में बाबू झाड़ू के पुर्जे उड़ गए। जितनी सींके जिसके हाथ पड़ी. वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब झरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम। 

    सारा घर धूल से क्यों अट गया?

    • भेड़ों के इधर-उधर भागने से 
    • फर्शी दरी की धूल उड़ने से
    • घर के सामान की झाडू-पोंछ करने से
    • आंगन में जोर से झाडू लगाने पर

    Solution

    B.

    फर्शी दरी की धूल उड़ने से
    Question 31
    CBSEENHN8001155

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों ओर आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ू देने का फैसला किया।
    झाड़ू क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में बाबू झाड़ू के पुर्जे उड़ गए। जितनी सींके जिसके हाथ पड़ी. वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब झरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम। 

    धूल उड़ने से क्या हुआ?


    • सब चिल्लाने लगे।
    • सब कुछ दिखाई देना बंद हो गया।
    • सबका सांस लेना कठिन हो गया। सबके सिरों पर धूल जम गई, नाक व आँखों में घुस गई।
    • सभी बच्चों को डाँटने लगे।

    Solution

    C.

    सबका सांस लेना कठिन हो गया। सबके सिरों पर धूल जम गई, नाक व आँखों में घुस गई।
    Question 32
    CBSEENHN8001156

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों ओर आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ू देने का फैसला किया।
    झाड़ू क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में बाबू झाड़ू के पुर्जे उड़ गए। जितनी सींके जिसके हाथ पड़ी. वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब झरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम। 

    ‘झाड़ू पुर्जे उड़ गए’-ऐसा क्यों कहा गया?

    • बच्चों ने झाड़ू एक दूसरे से खींच-खींचकर तिनका-तिनका कर डाला।
    • झाड़ू तिनके हवा में उड़ गए।
    • झाडू टूट गया।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    बच्चों ने झाड़ू एक दूसरे से खींच-खींचकर तिनका-तिनका कर डाला।
    Question 33
    CBSEENHN8001157

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सारा घर धूल से अट गया। खाँसते-खाँसते सब बेदम हो गए। सारी धूल जो दरी पर थी, जो फर्श पर थी, सबके सिरों पर जम गई। नाकों ओर आँखों में घुस गई। बुरा हाल हो गया सबका। हम लोगों को तुरंत आँगन में निकाला गया। वहाँ हम लोगों ने फौरन झाड़ू देने का फैसला किया।
    झाड़ू क्योंकि एक थी और तनख्वाह लेनेवाले उम्मीदवार बहुत, इसलिए क्षण-भर में बाबू झाड़ू के पुर्जे उड़ गए। जितनी सींके जिसके हाथ पड़ी. वह उनसे ही उलटे-सीधे हाथ मारने लगा। अम्मा ने सिर पीट लिया। भई, ये बुजुर्ग काम करने दें तो इंसान काम करे। जब झरा-जरा सी बात पर टोकने लगे तो बस, हो चुका काम। 

    काम करने के बारे में बच्चों का क्या विचार था?
    • काम कैसे करें।
    • वे काम करते-करते थक गए।
    • बड़ों की डाँट से परेशान थे
    • ये बुजुर्ग काम करने दें तो करें।

    Solution

    D.

    ये बुजुर्ग काम करने दें तो करें।
    Question 34
    CBSEENHN8001158

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    दिन-भर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों पर चढ़ गई। पर भेड़-चाल मशहूर है। उनकी नज़र तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती, बरतन लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
    तख्त पर बानी दीदी का दुपट्टा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चंपा और सलमा-सितारे रखकर बड़ी दीदी मुगलानी बुआ को कुछ बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती र्हुई दौड़ गई।
    जब तूफ़ान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई हो। जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गई।

    भेड़ों ने ऊधम क्यों मचाया?

    • वे बच्चों से डर गई थीं।
    • वे दाने को देखकर भागी थीं क्योंकि वे दिन भर की भूखी थीं।
    • बच्चे उन्हें जान बूझकर घर में लाए थे।
    • बच्चे उन्हें संभाल न पा रहे थे।

    Solution

    B.

    वे दाने को देखकर भागी थीं क्योंकि वे दिन भर की भूखी थीं।  
    Question 35
    CBSEENHN8001159

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    दिन-भर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों पर चढ़ गई। पर भेड़-चाल मशहूर है। उनकी नज़र तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती, बरतन लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
    तख्त पर बानी दीदी का दुपट्टा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चंपा और सलमा-सितारे रखकर बड़ी दीदी मुगलानी बुआ को कुछ बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती र्हुई दौड़ गई।
    जब तूफ़ान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई हो। जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गईं।

    भेड़-चाल से आप क्या समझते हो?

     

    • तेज गति में भागना
    • एक को देखकर सभी का वैसे ही करना
    • धीरे-धीरे चलना 
    • लक्ष्य्राप्त किए बिना न रुकना।

    Solution

    B.

    एक को देखकर सभी का वैसे ही करना

    D.

    लक्ष्य्राप्त किए बिना न रुकना।
    Question 36
    CBSEENHN8001160

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    दिन-भर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों पर चढ़ गई। पर भेड़-चाल मशहूर है। उनकी नज़र तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती, बरतन लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
    तख्त पर बानी दीदी का दुपट्टा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चंपा और सलमा-सितारे रखकर बड़ी दीदी मुगलानी बुआ को कुछ बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती र्हुई दौड़ गई।
    जब तूफ़ान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई हो। जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गईं।

    बानी दीदी दुपट्टा फैलाकर क्या कर रही थी?

    • कड़ाई कर रही थी।
    • सिलाई-कटाई का सजाने का सामान उस पर रखकर मुगलानी दीदी को दिखा रही थी।
    • उसे सही तरह से लपेट रही थी।
    • उसे रंगने का विचार बना रही थी।

    Solution

    B.

    सिलाई-कटाई का सजाने का सामान उस पर रखकर मुगलानी दीदी को दिखा रही थी।
    Question 37
    CBSEENHN8001161

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    दिन-भर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों पर चढ़ गई। पर भेड़-चाल मशहूर है। उनकी नज़र तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती, बरतन लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
    तख्त पर बानी दीदी का दुपट्टा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चंपा और सलमा-सितारे रखकर बड़ी दीदी मुगलानी बुआ को कुछ बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती र्हुई दौड़ गई।
    जब तूफ़ान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई हो। जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गईं।

    भेड़ों के निकल जाने के बाद का क्या नजारा था?

    • घर वाले माथा पीटने लगे।
    • चारों तरफ मिट्टी ही मिट्टी थी।
    • सब कुछ उथल-पुथल हो गया।
    • बच्चे थककर बैठ गए।

    Solution

    C.

    सब कुछ उथल-पुथल हो गया।
    Question 38
    CBSEENHN8001162

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    दिन-भर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखकर जो सबकी सब झपटीं तो भागकर जाना कठिन हो गया। लश्टम-पश्टम तख्तों पर चढ़ गई। पर भेड़-चाल मशहूर है। उनकी नज़र तो बस दाने के सूप पर जमी हुई थी। पलंगों को फलाँगती, बरतन लुढ़काती साथ-साथ चढ़ गई।
    तख्त पर बानी दीदी का दुपट्टा फैला हुआ था जिस पर गोखरी, चंपा और सलमा-सितारे रखकर बड़ी दीदी मुगलानी बुआ को कुछ बता रही थीं। भेड़ें बहुत निःसंकोच सबको रौंदती, मेंगनों का छिड़काव करती र्हुई दौड़ गई।
    जब तूफ़ान गुजर चुका तो ऐसा लगा जैसे जर्मनी की सेना टैंकों और बमबारों सहित उधर से छापा मारकर गुजर गई हो। जहाँ-जहाँ से सूप गुजरा, भेड़ें शिकारी कुत्तों की तरह गंध सूँघती हुई हमला करती गईं।

    भेड़ों की तुलना जर्मनी सेना से क्यों की गई?

    • उनकी चलने की तेजी व उथल-पुथल मचाने के कारण 
    • उनके शोर करने के कारण
    • उनको देखकर सभी के सहम जाने के कारण
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    उनकी चलने की तेजी व उथल-पुथल मचाने के कारण 
    Question 39
    CBSEENHN8001163

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तय हुआ कि भैंस की अगाड़ी-पिछाड़ी बाँध दी जाए और फिर काबू में लाकर दूध दुह लिया जाए। बस, झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले दो पैरों को बाँधने की कोशिश जारी थी कि भैंस चौकन्नी हो गई। छूटकर जो भागी तो पहले चाचा जी समझे कि शायद कोई सपना देख रहे हैं। फिर जब चारपाई पानी के ड्रम से टकराई और पानी छलककर गिरा तो समझे कि आँधी-तूफ़ान में फँसे हैं। साथ में भूचाल भी आया हुआ है। फिर जल्दी ही उन्हें असली बात का पता चल गया और वह पलंग की दोनों पटियाँ पकड़े, बच्चों को छोड़ देनेवालों को बुरा-भला सुनाने लगे।

    इस गद्याशं में बच्चे क्या करना चाहते हैं।

    • चाचाजी को परेशान करना चाहते हैं।
    • दूध दुहना चाहते हैं।
    • भैंस को बाँधना चाहते हैं।
    • भैंस को भगाना चाहते है।

    Solution

    B.

    दूध दुहना चाहते हैं।

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    Question 40
    CBSEENHN8001164

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तय हुआ कि भैंस की अगाड़ी-पिछाड़ी बाँध दी जाए और फिर काबू में लाकर दूध दुह लिया जाए। बस, झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले दो पैरों को बाँधने की कोशिश जारी थी कि भैंस चौकन्नी हो गई। छूटकर जो भागी तो पहले चाचा जी समझे कि शायद कोई सपना देख रहे हैं। फिर जब चारपाई पानी के ड्रम से टकराई और पानी छलककर गिरा तो समझे कि आँधी-तूफ़ान में फँसे हैं। साथ में भूचाल भी आया हुआ है। फिर जल्दी ही उन्हें असली बात का पता चल गया और वह पलंग की दोनों पटियाँ पकड़े, बच्चों को छोड़ देनेवालों को बुरा-भला सुनाने लगे।

    बच्चों ने क्या तय किया?


    • भैंस का दूध दुहने के लिए उसके आगे व पीछे के पैरों को बाँध दिया जाए।
    • दूध दुहने हेतु चाचाजी की मदद ले लें।
    • कुछ बच्चे भैंस को पकड़े रखें व कुछ मिलकर दूध दुह लें।
    • भैसों को भगा दें।

    Solution

    A.

    भैंस का दूध दुहने के लिए उसके आगे व पीछे के पैरों को बाँध दिया जाए।
    Question 41
    CBSEENHN8001165

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तय हुआ कि भैंस की अगाड़ी-पिछाड़ी बाँध दी जाए और फिर काबू में लाकर दूध दुह लिया जाए। बस, झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले दो पैरों को बाँधने की कोशिश जारी थी कि भैंस चौकन्नी हो गई। छूटकर जो भागी तो पहले चाचा जी समझे कि शायद कोई सपना देख रहे हैं। फिर जब चारपाई पानी के ड्रम से टकराई और पानी छलककर गिरा तो समझे कि आँधी-तूफ़ान में फँसे हैं। साथ में भूचाल भी आया हुआ है। फिर जल्दी ही उन्हें असली बात का पता चल गया और वह पलंग की दोनों पटियाँ पकड़े, बच्चों को छोड़ देनेवालों को बुरा-भला सुनाने लगे।

    भैंस के पैर कैसे बाँधें गए?


    • आंगन में पानी के मटकों से।
    • आंगन में बनी दीवार के साथ।
    • दो पैर झूले की रस्सी से व दो चाचाजी की चारपाई से
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    C.

    दो पैर झूले की रस्सी से व दो चाचाजी की चारपाई से
    Question 42
    CBSEENHN8001166

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तय हुआ कि भैंस की अगाड़ी-पिछाड़ी बाँध दी जाए और फिर काबू में लाकर दूध दुह लिया जाए। बस, झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले दो पैरों को बाँधने की कोशिश जारी थी कि भैंस चौकन्नी हो गई। छूटकर जो भागी तो पहले चाचा जी समझे कि शायद कोई सपना देख रहे हैं। फिर जब चारपाई पानी के ड्रम से टकराई और पानी छलककर गिरा तो समझे कि आँधी-तूफ़ान में फँसे हैं। साथ में भूचाल भी आया हुआ है। फिर जल्दी ही उन्हें असली बात का पता चल गया और वह पलंग की दोनों पटियाँ पकड़े, बच्चों को छोड़ देनेवालों को बुरा-भला सुनाने लगे।

    भैंस ने चौकन्ने होने पर क्या किया?

    • आराम से खड़ी रही।
    • जोर-जोर से रंभाने लगी।
    • बच्चों के पीछे पड़ गई।
    • तेजी से भाग गई।

    Solution

    D.

    तेजी से भाग गई।
    Question 43
    CBSEENHN8001167

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तय हुआ कि भैंस की अगाड़ी-पिछाड़ी बाँध दी जाए और फिर काबू में लाकर दूध दुह लिया जाए। बस, झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पैर बाँध दिए गए। पिछले दो पैर चाचा जी की चारपाई के पायों से बाँध, अगले दो पैरों को बाँधने की कोशिश जारी थी कि भैंस चौकन्नी हो गई। छूटकर जो भागी तो पहले चाचा जी समझे कि शायद कोई सपना देख रहे हैं। फिर जब चारपाई पानी के ड्रम से टकराई और पानी छलककर गिरा तो समझे कि आँधी-तूफ़ान में फँसे हैं। साथ में भूचाल भी आया हुआ है। फिर जल्दी ही उन्हें असली बात का पता चल गया और वह पलंग की दोनों पटियाँ पकड़े, बच्चों को छोड़ देनेवालों को बुरा-भला सुनाने लगे।

    चाचाजी क्या सोच रहे थे? असली बात पता चलने पर उन्होंने क्या किया?

    • कोई सपना देख रहे हैं
    • चारपाई ड्रम से टकराने पर उन्हें लगा आँधी-तूफान आ रहा है।
    • जब उन्हें पता चला कि चारपाई भैंस से बंधी है तो बच्चों को बुरा-भला कहने लगे।
    • दिए गए सभी।

    Solution

    D.

    दिए गए सभी।
    Question 44
    CBSEENHN8001168

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    घर में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे बाहर किए गए। मुर्गियाँ बाग में हँकाई गई। मातम-सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं।

    “या तो बच्चा-राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके,” अम्मा ने चुनौती दे दी।

    घर में तूफ़ान क्यों आया?

    • क्योंकि तेज आँधी चल रही थी।
    • क्योंकि भेड़ें घूम रही थी।
    • क्योंकि बच्चों ने कोई भी काम तरीके से नहीं किया था।
    • क्योंकि बच्चों के काम से नाखुश होकर सभी चिल्ला रहे थे।

    Solution

    C.

    क्योंकि बच्चों ने कोई भी काम तरीके से नहीं किया था।
    Question 45
    CBSEENHN8001169

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    घर में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे बाहर किए गए। मुर्गियाँ बाग में हँकाई गई। मातम-सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं।

    “या तो बच्चा-राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके,” अम्मा ने चुनौती दे दी।

    तूफ़ान का रूप क्या था?

    • बच्चों का इधर-उधर भागना।
    • अम्मा का चिल्लाना।
    • सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे और बच्चे बिखरे परे थे।
    • तरकारी वाली की तरकारी बिगड़ना।

    Solution

    C.

    सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे और बच्चे बिखरे परे थे।
    Question 46
    CBSEENHN8001170

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    घर में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे बाहर किए गए। मुर्गियाँ बाग में हँकाई गई। मातम-सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं।

    “या तो बच्चा-राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके,” अम्मा ने चुनौती दे दी।

    तरकारी वाली मातम क्यों मना रही थी?

    • मुर्गियों ने उसकी तरकारी खा ली थी।
    • भेड़ों ने उसकी तरकारी बिगाड़ दी थी।
    • बच्चों ने सारी तरकारी काट डाली थी।
    • उसे तरकारी के पैसे नहीं मिले थे।

    Solution

    B.

    भेड़ों ने उसकी तरकारी बिगाड़ दी थी।
    Question 47
    CBSEENHN8001171

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    घर में तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। ऐसा लगता था जैसे सारे घर में मुर्गियाँ, भेडें, टूटे हुए तसले, बालटियाँ, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे बाहर किए गए। मुर्गियाँ बाग में हँकाई गई। मातम-सा मनाती तरकारी वाली के आँसू पोंछे गए और अम्मा आगरा जाने के लिए सामान बाँधने लगीं।
    “या तो बच्चा-राज कायम कर लो या मुझे ही रख लो। नहीं तो मैं चली मायके,” अम्मा ने चुनौती दे दी।

    अम्मा समान क्यों बाँधने लगी?

    • अम्मा घर की उथल-पुथल से तंग आ गई।
    • अम्मा की इच्छा से लड़ाई हो गई।
    • अम्मा को मायके से बुलाया गया था।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    अम्मा घर की उथल-पुथल से तंग आ गई।
    Question 49
    CBSEENHN8001173

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
    ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।

    अब्बा ने सबको कतार में खड़ा क्यों किया?

     

    • जब अम्मा बच्चों से परेशान होकर मायके जाने लगी तो अब्बा ने कुछ हिदायते देने हेतु।
    • उन्हें डाँटने हेतु
    • उनका मेहनताना देने हेतु
    • उन्हें समझाने हेतु।

    Solution

    A.

    जब अम्मा बच्चों से परेशान होकर मायके जाने लगी तो अब्बा ने कुछ हिदायते देने हेतु।
    Question 51
    CBSEENHN8001175
    Question 52
    CBSEENHN8001176

    नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    अब्बा ने सबको कतार में खड़ा करके पूरी बटालियन का कोर्ट मार्शल कर दिया। “अगर किसी बच्चे ने घर की किसी चीज़ को हाथ लगाया तो बस, रात का खाना बंद हो जाएगा।”
    ये लीजिए! इन्हें किसी करवट शांति नहीं। हम लोगों ने भी निश्चय कर लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।

    बच्चों ने क्या निश्चय किया?

    • वे सभी काम सीख जाएँगें।
    • वे अब हिलकर पानी नहीं पिएँगे अर्थात् कोई काम नहीं करेंगे।
    • वे एक-एक करके काम किया करेंगे।
    • वे काम करने में नौकरों की मदद लेंगे।

    Solution

    B.

    वे अब हिलकर पानी नहीं पिएँगे अर्थात् कोई काम नहीं करेंगे।

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