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TextBook Solutions for Jharkhand Academic Council Class 11 Hindi Aroh Chapter 18 अक्क महादेवी

Question 1
CBSEENHN11012315

अक्क महादेवी का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।

Solution

अक्क महादेवी का जन्म 12 वीं सदी में कर्नाटक के उउडुतरीनामक गाँव (जिला शिवमोगा) में हुआ था। इतिहास में वीर शैव आदोलन से जुड़े कवियों, रचनाकारों की एक लंबी सूची है। अक्क महादेवी इस आदोलन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कवयित्री थीं। चन्नमल्लिकार्जुन देव (शिव) इनके आराध्य थे। कवि वसवन्ना इनके गुरू थे। कन्नड़ भाषा में अक्क शब्द का अर्थ बहिन होता हें।

अक्क महादेवी अपूर्व सुंदरी थीं। एक बार वहाँ का स्थानीय राजा इनका अद्भुत - अलौकिक सौंदर्य देखकर मुग्ध हो गया तथा इनसे विवाह हेतु इनके परिवार पर दबाव डाला। अक्क महादेवी ने विवाह के लिए राजा के सामने तीन शर्त रखीं। विवाह के बाद राजा ने उन शर्तो का पालन नहीं किया, इसलिए महादेवी ने उसी क्षण राज-परिवार को छोड़ दिया। पर अक्क ने जो इसके आगे किया, वह भारतीय नारी के इतिहास की एक विलक्षण घटना बन गई, जिससे उनके विद्रोही चरित्र का पता चलता है। सबसे चौंकाने और तिलमिला देने वाला तथ्य यह है कि अक्क ने सिर्फ राजमहल नहीं छोड़ा, वहाँ से निकलते समय पुरुष वर्चस्व के विरुद्ध अपने आक्रोश की अभिव्यक्ति के रूप में अपने वस्त्रों को भी उतार फेंका। वस्त्रों को उतार फेंकना केवल वस्त्रों का त्याग नहीं बल्कि एकांगी मर्यादाओं और केवल स्त्रियों के लिए निर्मित नियमों का तीखा विरोध था। स्त्री केवल शरीर नहीं है, इसके गहरे बोध के साथ महावीर जैन आदि महापुरुषों के समक्ष खड़े होने का प्रयास था। इस दृष्टि से देखें तो मीरा की पंक्ति तन की आस कबहू नहीं कीनी ज्यों रणमाँही सूरो अक्क पर पूर्णत चरितार्थ होती है।

अक्क के कारण शैव आदोलन से बड़ी संख्या में स्त्रियाँ (जिनमें अधिकांश निचले तबकों से थीं) जुड़ी और अपने संघर्ष और यातना को कविता के रूप में अभिव्यक्ति दी। स्वयं अक्क भी निचले तबके से ही आई थीं।

इस प्रकार अक्क महादेवी की कविता पूरे भारतीय साहित्य में इस क्रांतिकारी चेतना का पहला सर्जनात्मक दस्तावेज है और सम्पूर्ण स्त्रीवादी आदोलन के लिए एक अजस्र प्रेरणास्त्रोत भी।

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