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भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक है?
भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्या है?
स्थल तथा जल के गर्म एवं ठंडे होने की भिन्न प्रक्रिया के कारण भारत के स्थल भाग पर निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जबकि इसके आस-पास समुद्र (हिन्द महासागर) के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। इसका परिणाम यह होता है कि पवन तंत्र के दिशा उलट जाती है। समुंदर के ऊपर उच्च दाब क्षेत्र से आर्दता युक्त निम्न दाब क्षेत्र, स्थल भाग (भारतीय उपमहाद्वीप) की तरफ चलने लगती है, जो भारत को भारी वर्षा प्रदान करती है।
भारत के किस भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है एवं क्यों?
भारत के थार मरुस्थल में दैनिक तापमान अधिक होता है क्योंकि यहाँ जल की मात्रा बहुत कम है। रेतीली मिट्टी नमी व ताप को ग्रहण नहीं कर सकती। वायुमंडल में भी जलवाष्प की कमी होती है। यही कारण है कि दिन में तापमान बहुत बढ़ जाता है और रातें जल्दी ठंडी हो जाती है।
किन पवनों के कारण मालाबार तट पर वर्षा होती है?
दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा के कारण मालाबार तट पर भारी वर्षा होती है।
जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?
उत्तर-भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती है?
भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।
भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है क्योंकि:
(i) मानसूनी अनिश्चित है मानसून का समय जून के आरम्भ से मध्य सितंबर तक होता है। भारतीय भौतिक स्वरूप के अलग होने के कारण वर्षा सभी क्षेत्रों में आसमान रूप से होती है।
(ii) ऊँचाई के कारण हिमालय में वर्षण हिम के रूप में होता है।
(iii) पवनों के रास्तों में नमी से युक्त जो क्षेत्र पहले आते हैं वहाँ ज्यादा वर्षा होती है और जो बाद में आते हैं वहाँ कम वर्षा होती है।
(iv) जहाँ पवनों के अवरोधक के रूप में पर्वत नहीं होते वहाँ बहुत कम वर्षा होती हैं। जैसे राजस्थान वृष्टि वाले क्षेत्रों में अधिक वर्षा नहीं होती जैसे पश्चिम घाट का पूर्व भाग।
(v) मानसूनी पवने से पूरे भारत में वर्षा नहीं होती। चक्रवात कई जगहों पर वर्षा को फैलाने में मदद करता है जबकि दूसरी जगह पर वर्षा ही रह जाती है।
तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है।
सर्दियों के समय देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र की ओर बहती हैं। इसलिए देश के ज़्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम होता है। तमिलनाडु का तट अधिकतम वर्षा इन्ही पवनों से प्राप्त करता है क्योंकि वहाँ ये पवनें समुन्द्र से स्थल की तरफ बहती है।
पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्रों में प्रायः चक्रवात आते हैं।
उत्तरी पश्चिमी भारत में ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र नवंबर की शुरुआत में बंगाल की खाड़ी में स्थानांतरित हो जाता है। यह स्थानांतरण चक्रवाती दबाव से जुड़ा होता है। यह चक्रवात भारत पूर्वी तट से गुजरने पर भारी वर्षा प्रदान करता है। यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात अक्सर बहुत विध्वंसक होते हैं। गोदावरी, कृष्णा आदि सघन आबादी वाले डेल्टा प्रदेश चक्रवातों से प्रभावित होते हैं।
राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट की वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है।
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भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।
मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।
स्थल और जल के गर्म और ठंडी होने के अंतर के कारण भारत में स्थल भाग पर निम्न दाब क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसके विपरीत इसके आसपास के समुद्र के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। ग्रीष्म ऋतु के दौरान उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति गंगा के मैदानों की ओर किस जाती है। यह विषुवतीय गर्त है। इसे मानसून ऋतू के समय मानसून गर्त के नाम से भी जाना जाता है। हिंद महासागर में मेडागास्कर के पूर्व लगभग 20o दक्षिण अक्षांश के ऊपर उच्च दाब वाला क्षेत्र होता है। उस उच्च दाब वाले क्षेत्र की स्थिति तथा तीव्रता भारतीय मानसून को प्रभावित करती है। तिब्बत का पठार ग्रीष्म ऋतू में बहुत अधिक गर्म हो जाता है जिसके कारण पठार के ऊपर समुद्र तल से लगभग 9 कि.मी. ऊंचाई पर उच्च वायुदाब का निर्माण होता है। ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्णकटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है।
शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषता बताइए।
भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।
मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?
मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान मानसून पवन की दिशा में ऋतू के अनुसार परिवर्तन है।
मानसून में विराम: मानूसन की एक प्रकृति है 'वर्षा में विराम'। इसमें आर्द्र एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते है। मानसूनी वर्षा एक वर्ष में कुछ दिनों तक ही होती है। इसमें वर्ष रहित अंतराल भी होते है।
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