समकालीन भारत 1 Chapter 4 जलवायु
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान समकालीन भारत 1

    जलवायु Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 4 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान जलवायु Chapter 4 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान जलवायु Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 6
    CBSEHHISSH9009599

    भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक है?

    Solution
    भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है-
    (i) वायुदाब एवं पवन तंत्र 
    (ii) अक्षांश
    (iii) ऊँचाई
    Question 7
    CBSEHHISSH9009600

    भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्या है?

    Solution

    स्थल तथा जल के गर्म एवं ठंडे होने की भिन्न प्रक्रिया के कारण भारत के स्थल भाग पर निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जबकि इसके आस-पास समुद्र (हिन्द महासागर) के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। इसका परिणाम यह होता है कि पवन तंत्र के दिशा उलट जाती है। समुंदर के ऊपर उच्च दाब क्षेत्र से आर्दता युक्त निम्न दाब क्षेत्र, स्थल भाग (भारतीय उपमहाद्वीप) की तरफ चलने लगती है, जो भारत को भारी वर्षा प्रदान करती है।

    Question 8
    CBSEHHISSH9009601

    भारत के किस भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है एवं क्यों?

    Solution

    भारत के थार मरुस्थल में दैनिक तापमान अधिक होता है क्योंकि यहाँ जल की मात्रा बहुत कम है। रेतीली मिट्टी नमी व ताप को ग्रहण नहीं कर सकती। वायुमंडल में भी जलवाष्प की कमी होती है। यही कारण है कि दिन में तापमान बहुत बढ़ जाता है और रातें जल्दी ठंडी हो जाती है।

    Question 9
    CBSEHHISSH9009602

    किन पवनों के कारण मालाबार तट पर वर्षा होती है?

     

    Solution

    दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा के कारण मालाबार तट पर भारी वर्षा होती है।

    Question 10
    CBSEHHISSH9009603

    जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?

    Solution
    एक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाएँ में हवाएँ जेट धाराएँ कहलाती है। इनकी गति गर्मी में 110 किमी./ घंटा एवं सर्दी में 184 किमी./ घंटा तक होती है। 
    भारत की जलवायु को यह निम्न प्रकार से प्रभावित करती है:
    (i) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम भाग में पश्चिमी प्रवाह को लाने में मदद करती हैं।
    (ii) ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम हिस्से में शीतकालीन वर्षा लाती है रबी फसल के लिए ये महत्वपूर्ण हैं।
    Question 11
    CBSEHHISSH9009604

    मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है?
     

    Solution
    (i) पूरा भारतीय भूदृश्य इसकी जीव तथा वनस्पति, कृषि-चक्र, त्यौहार उत्सव आदि सभी मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं।
    (ii) सभी भारतवासी प्रतिवर्ष मानसून के आने की प्रतीक्षा करते हैं।
    (iii) यह मानसूनी पवने हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती है और संपूर्ण देश को एक सूत्र में बांधती हैं।
    Question 12
    CBSEHHISSH9009605

    उत्तर-भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती है?

    Solution
    प्रायद्वीपीय भारत की आकृति त्रिभुजाकार है जिसके कारण मानसून दो भागो में बाँट जाता है-
    (i) अरब सागर शाखा।
    (ii) बंगाल की खाड़ी शाखा।
    आर्द्रता से युक्त बंगाल की खाड़ी शाखा तीव्र गति से उत्तर-पूर्व में प्रवेश करती है और वहाँ पर स्थित पहाड़ियों से टकराकर घनघोर वर्षा प्रदान करती हैं। यहाँ ऊँचे पर्वतों है जिसके कारण मानसून पवनें पश्चिम में गंगा के मैदान की तरफ मुड़ जाती है। जैसे-जैसे ये पवनें पश्चिम की तरफ बढ़ती हैं, वैसे-वैसे इनकी आर्द्रता कम हो जाती है। यही कारण है की उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
     
    Question 13
    CBSEHHISSH9009606

    भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता है?

    Solution
    सर्दी के मौसम में हिमालय के उत्तर में उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है, ठंडी शुष्क पवनें उत्तर से दक्षिण की और बहती है। गर्मी के मौसम के दौरान भूमि जल की तुलना में अधिक गर्मी ग्रहण करता है, जिसके कारण भीतरी भू-भाग के ऊपर एक निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है। इस प्रकार पवनें उच्च दाब के क्षेत्र से, उत्तर में निम्न दाब क्षेत्र की ओर बहने लगती है। यही कारण है की पवनो की दिशा उलट जाती है।
    Question 14
    CBSEHHISSH9009607

    भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।

    Solution

    भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है क्योंकि:
    (i) मानसूनी अनिश्चित है मानसून का समय जून के आरम्भ से मध्य सितंबर तक होता है। भारतीय भौतिक स्वरूप के अलग होने के कारण वर्षा सभी क्षेत्रों में आसमान रूप से होती है।
    (ii) ऊँचाई के कारण हिमालय में वर्षण हिम के रूप में होता है।
    (iii) पवनों के रास्तों में नमी से युक्त जो क्षेत्र पहले आते हैं वहाँ ज्यादा वर्षा होती है और जो बाद में आते हैं वहाँ कम वर्षा होती है।
    (iv) जहाँ पवनों के अवरोधक के रूप में पर्वत नहीं होते वहाँ बहुत कम वर्षा होती हैं। जैसे राजस्थान वृष्टि वाले क्षेत्रों में अधिक वर्षा नहीं होती जैसे पश्चिम घाट का पूर्व भाग।
    (v) मानसूनी पवने से पूरे भारत में वर्षा नहीं होती। चक्रवात कई जगहों पर वर्षा को फैलाने में मदद करता है जबकि दूसरी जगह पर वर्षा ही रह जाती है।

    Question 15
    CBSEHHISSH9009608

    तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है।

    Solution

    सर्दियों के समय देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र की ओर बहती हैं। इसलिए देश के ज़्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम होता है। तमिलनाडु का तट अधिकतम वर्षा इन्ही पवनों से प्राप्त करता है क्योंकि वहाँ ये पवनें समुन्द्र से स्थल की तरफ बहती है।

    Question 16
    CBSEHHISSH9009609

    पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्रों में प्रायः चक्रवात आते हैं।

    Solution

    उत्तरी पश्चिमी भारत में ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र नवंबर की शुरुआत में बंगाल की खाड़ी में स्थानांतरित हो जाता है। यह स्थानांतरण चक्रवाती दबाव से जुड़ा होता है। यह चक्रवात भारत पूर्वी तट से गुजरने पर भारी वर्षा प्रदान करता है। यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात अक्सर बहुत विध्वंसक होते हैं। गोदावरी, कृष्णा आदि सघन आबादी वाले डेल्टा प्रदेश चक्रवातों से प्रभावित होते हैं।

    Question 17
    CBSEHHISSH9009610

    राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट की वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है।

    Solution
    राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट की वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है क्योंकि मानसूनी पवनें जब इन क्षेत्रों में पहुंचती है तो इनकी आर्द्रता समाप्त हो चुकी होती है। पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र पवनविमुख ढाल पर स्थित है। यहाँ वर्षा बहुत कम हो होती है। पश्चिमी घाट की पवनविमुख स्थल, अल्प वर्षा वाले क्षेत्र में पड़ते है। अतः ये सूखा प्रभावित क्षेत्र है।
     

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    Question 18
    CBSEHHISSH9009611

    भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।

    Solution
    (i) गर्मियों के समय राजस्थान के मरुस्थल में कुछ स्थानों का तापमान लगभग 50o से. तक पहुँच जाता है जबकि जम्मू-कश्मीर में पहलगाम में तापमान लगभग 20o से. तक रहता है।
    (ii) सर्दी में रात के समय जम्मू-कश्मीर में द्रास का तापमान 45o हो जाता है जबकि तिरुवंतपुरम यह 20o हो जाता है।
    (iii) देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, परन्तु कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर और नवंबर में होती है।
    (iv) हिमालय के ऊपरी भाग में वर्षण अधिकतर हिम के रूप में होता है तथा देश के अन्य भागों में यह वर्षा के रुप में प्राप्त होता है।
    (v) तटीय क्षेत्रों के तापमान में कम अंतर होता है। देश के आंतरिक भागों में मौसमी अंतर अधिक होता है।
    (vi) उत्तरी मैदानों में पूर्व से पश्चिम की ओर यह मात्रा वर्षा की मात्रा सामान्यतः घटती है।
    Question 19
    CBSEHHISSH9009612

    मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।

    Solution

    स्थल और जल के गर्म और ठंडी होने के अंतर के कारण भारत में स्थल भाग पर निम्न दाब क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसके विपरीत इसके आसपास के समुद्र के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। ग्रीष्म ऋतु के दौरान उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति गंगा के मैदानों की ओर किस जाती है। यह विषुवतीय गर्त है। इसे मानसून ऋतू के समय मानसून गर्त के नाम से भी जाना जाता है। हिंद महासागर में मेडागास्कर के पूर्व लगभग 20o दक्षिण अक्षांश के ऊपर उच्च दाब वाला क्षेत्र होता है। उस उच्च दाब वाले क्षेत्र की स्थिति तथा तीव्रता भारतीय मानसून को प्रभावित करती है। तिब्बत का पठार ग्रीष्म ऋतू में बहुत अधिक गर्म हो जाता है जिसके कारण पठार के ऊपर समुद्र तल से लगभग 9 कि.मी. ऊंचाई पर उच्च वायुदाब का निर्माण होता है। ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्णकटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है।

    Question 20
    CBSEHHISSH9009613

    शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषता बताइए।

    Solution
    शीत ऋतु की जलवायु की स्थिति:
    (i) दिन गर्म और राते ठंडी होती है।
    (ii) शीत ऋतु नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है।
    (iii) सहित ऋतू में तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है।
    (iv) भारत में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रभावित होती है इनके कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है।
    (v) शीत ऋतु में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम और पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती है।
    (vi) यह कम दाब वाली प्रणाली भू-मध्यसागर के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिम सपनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। परिणामस्वरूप शीतकाल में वर्षा होती है तथा पर्वतो पर हिमपात होता है।
    Question 21
    CBSEHHISSH9009614

    भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।

    Solution
    भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषता निम्नलिखित है:
    (i) भारत में मानसून अनिश्चित होता है।
    (ii) भारत के विभिन्न स्थानों में वर्ष-प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में बहुत परिवर्तनशीलता पाई जाती है। ये 15% से 80% तक होती है।
    (iii) मानसून में भारत के सभी भागों में एक समान वर्षा नहीं होती अलग-अलग क्षेत्रों में प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में अंतर पाया जाता है।
    (iv) मानसून और ग्रीष्मकालीन मानसून की अवधि में भी अंतर पाया जाता है।
    (v) लगातार भारी वर्षा के अंतराल के बाद बिना वर्षा वाला शुष्क अंतराल होता है।
    (vi) भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा की एक प्रमुख समस्या बाढ़ और सूखा है। एक और लगातार भारी वर्षा से बाढ़ आ जाती है, वही दूसरी ओर मानसून की विफलताओं के कारण कुछ क्षेत्रों में सूखा पड़ता है।
    Question 22
    CBSEHHISSH9009653

    मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान मानसून पवन की दिशा में ऋतू के अनुसार परिवर्तन है।
    मानसून में विराम: मानूसन की एक प्रकृति है 'वर्षा में विराम'। इसमें आर्द्र एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते है। मानसूनी वर्षा एक वर्ष में कुछ दिनों तक ही होती है। इसमें वर्ष रहित अंतराल भी होते है।

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