भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।
भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है क्योंकि:
(i) मानसूनी अनिश्चित है मानसून का समय जून के आरम्भ से मध्य सितंबर तक होता है। भारतीय भौतिक स्वरूप के अलग होने के कारण वर्षा सभी क्षेत्रों में आसमान रूप से होती है।
(ii) ऊँचाई के कारण हिमालय में वर्षण हिम के रूप में होता है।
(iii) पवनों के रास्तों में नमी से युक्त जो क्षेत्र पहले आते हैं वहाँ ज्यादा वर्षा होती है और जो बाद में आते हैं वहाँ कम वर्षा होती है।
(iv) जहाँ पवनों के अवरोधक के रूप में पर्वत नहीं होते वहाँ बहुत कम वर्षा होती हैं। जैसे राजस्थान वृष्टि वाले क्षेत्रों में अधिक वर्षा नहीं होती जैसे पश्चिम घाट का पूर्व भाग।
(v) मानसूनी पवने से पूरे भारत में वर्षा नहीं होती। चक्रवात कई जगहों पर वर्षा को फैलाने में मदद करता है जबकि दूसरी जगह पर वर्षा ही रह जाती है।



