मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।
स्थल और जल के गर्म और ठंडी होने के अंतर के कारण भारत में स्थल भाग पर निम्न दाब क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसके विपरीत इसके आसपास के समुद्र के ऊपर उच्च दाब का क्षेत्र बनता है। ग्रीष्म ऋतु के दौरान उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र की स्थिति गंगा के मैदानों की ओर किस जाती है। यह विषुवतीय गर्त है। इसे मानसून ऋतू के समय मानसून गर्त के नाम से भी जाना जाता है। हिंद महासागर में मेडागास्कर के पूर्व लगभग 20o दक्षिण अक्षांश के ऊपर उच्च दाब वाला क्षेत्र होता है। उस उच्च दाब वाले क्षेत्र की स्थिति तथा तीव्रता भारतीय मानसून को प्रभावित करती है। तिब्बत का पठार ग्रीष्म ऋतू में बहुत अधिक गर्म हो जाता है जिसके कारण पठार के ऊपर समुद्र तल से लगभग 9 कि.मी. ऊंचाई पर उच्च वायुदाब का निर्माण होता है। ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्णकटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है।



