लोकतांत्रिक राजनीति 2 Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले
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    NCERT Solution For Class 10 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 2

    जाति, धर्म और लैंगिक मसले Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 4 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जाति, धर्म और लैंगिक मसले Chapter 4 NCERT Solutions for Class 10 सामाजिक विज्ञान जाति, धर्म और लैंगिक मसले Chapter 4 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH10018605

    जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमज़ोर स्थिति में होती हैं।

    Solution
    जीवन के विभिन्न पहलुओं निम्नलिखित है जिसमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमज़ोर स्थिति में होती हैं-
    (i) भारतीय समाज में अधिकतर महिलाएँ घर की चारदीवारी में कैद होकर रह गई है।
    (ii) सार्वजानिक क्षेत्र पुरुषों के कब्जे में है।
    (iii) महिलाओं को स्वतंत्रता के अवसर नहीं मिलते।
    (iv) महिलाओं की साक्षरता दर आज भी 54 प्रतिशत है जबकि पुरुषों की 76 प्रतिशत। सिमित संख्या में ही लड़कियाँ स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाती है।
    (v) लड़कियों को बोझ समझा जाता है तथा कई क्षेत्रों में पैदा होने से पूर्व ही मार दिया जाता है। लड़कों के जन्म पर जश्‍न मनाया जाता है। देश का लिंग अनुपात 850 से 800 तक गिर गया है। 
    (vi) पारिवारिक कानून अधिकार भी स्रियों के पक्ष में नहीं है।
    (vii) आज भी अधिक पैसे वाली प्रतिष्ठित नौकरियों में महिलाओं का अनुपात कम है। भारत में एक स्री एक पुरुष की तुलना में घंटों काम करती है। उसको ज़्यादातर काम के लिए पैसे भी नहीं मिलते।
    (viii) महिला सांसदों की लोकसभा में संख्या पर्याप्त नहीं है। राजनितिक जीवन में उनकी संख्या बहुत कम है।
    (ix) हम प्रतिदिन स्रियों पर होने वाले शोषण और अत्यचारों की ख़बरें सुनते है।
     
    Question 2
    CBSEHHISSH10018606

    विभिन्न तरह की सांप्रदायिक राजनीति का ब्यौरा दें और सबके साथ एक-एक उदाहरण भी दें।

    Solution

    भारत में संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता तो भी प्राय सांप्रदायिक राजनीति में अनेक रूप धारण करते हुए दिखाई पड़ती है-
    (i) सांप्रदायिक सोच अपने ही धार्मिक समुदायों पर प्रभुत्व ज़माने की प्रायः कोशिश करती है जिसके परिणामस्वरूप बहुसंख्यकवाद का जन्म होता है। अतः अल्पसंख्यक समुदाय अपनी पृथक राजनीति में विश्‍वास रखता है।
    (ii) अपने दैनिक जीवन में हम सांप्रदायिक राजनीति को प्रत्यक्ष रूप में देखते है। धार्मिक पूर्वाग्रह, अपने धर्म को उत्तम मानने की परम्परा इसमें शामिल है।
    (iii) सांप्रदायिक आधार पर राजनीति गोलबंदी सांप्रदायिकता का दूसरा रूप है। इस तरह के स्वरूप हिंसा, मारकाट व धर्मगुरु व भावात्मक अपील शामिल है।
    (iv) सांप्रदायिकता का सबसे भयानक रूप हिंसा, मारकाट व धर्म के नाम पर शोषण है। 1947 में देश के विभाजन के समय भयानक दंगे हुए। आज़ादी के बाद भी व्यपक पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई।

    Question 3
    CBSEHHISSH10018607

    बताइए कि भारत में किस तरह अभी भी जातिगत असमानताएँ जारी हैं।

    Solution

    यद्यपि संविधान में जातिगत भेदभावों का खंडन किया है और जातिगत अन्यायों को समाप्त करने पर बल दिया है। परन्तु फिर भी आज के समय में भारत में जाती-प्रथा समाप्त नहीं हुई है। छुआछूत की प्रथा आज भी जीवित है।
    आज भी एक जाति के लोग दूसरी जाति में विवाह नहीं करते, न ही एक साथ बैठ कर भोजन या अन्य मेल-मिलाप करते है। वर्ण व्यवस्था आज भी मौजूद है, जिन जातियों को पहले शिक्षा से वंचित रखा गया उनके सदस्य आज भी संवैधानिक तौर पर पिछड़े हुए है। आज भी जाति आर्थिक हैसियत के निर्धारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः कहा जा सकता है कि भारत में अभी भी जातिगत असमानताएँ जारी है।

    Question 4
    CBSEHHISSH10018608

    दो कारण बताएँ की क्यों सिर्फ़ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते।

    Solution

    चुनावों में जातिगत भावनाओं का प्रभाव अवश्य पड़ता हैं। परन्तु सिर्फ़ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते। इसके दो कारण निम्नलिखित है:
    (i) देश के किसी भी एक संसदीय चुनाव क्षेत्र में किसी एक जाती के लोगों का बहुमत नहीं हैं इसलिए प्रत्येक पार्टी ओर उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए एक जाती तथा एक समुदाय से ज़्यादा लोगों का भरोसा हासिल करना पड़ता हैं।
    (ii) यदि किसी चुनाव क्षेत्र में एक जाती के लोगों का प्रभुत्व माना जा रहा हो तो अनेक पार्टियों को उसी जाती का उम्मीदवार खड़ा करने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में कुछ मतदाताओं के सामने उनकी जाती के दो से अधिक प्रत्याशी खड़े होते हैं तो ऐसे में उस जाती का प्रभाव जाता रहता है।


    Question 5
    CBSEHHISSH10018609

    भारत की विधायिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है?

    Solution

    वर्तमान युग में महिलाओं की राजनीति में स्थिति ज़्यादा अच्छी नहीं है। राजनीतिक क्षेत्र में महिलओं की उपस्थिति कम ही है। लोकसभा में इनकी संख्या कुल संख्या का 10 प्रतिशत भी नहीं है। इसके साथ ही राज्य विधान सभाओं में इनकी भागीदारी 5 प्रतिशत से भी कम है। इस विषय में भारत का स्थान दुनिया के बहुत से देशों से नीचे है। भारत इस मामले में अफ्रीका-लातिन अमेरिका से भी काफी पीछे है। विशेषतः राजनीति पर पुरुषो का आधिपत्य स्थापित है।

    Question 6
    CBSEHHISSH10018610

    किन्ही दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं।

    Solution
    संविधान का निर्माण करते समय धर्म-निरपेक्ष राज्य स्थापित करने का प्रयास किया गया। धार्मिक आधार पर किसी के भी साथ भेदभाव नहीं किया गया। भारत पूरी तरह से धर्म-निरपेक्ष देश बने इसलिए सरकार ने संविधान में अनेक प्रवधानों की व्यवस्था की है जिनमे से दो इस प्रकार है- 
    (i) धर्म और जाती के आधार पर किसी से भी भेदभाव नहीं किया जा सकता। किसी को अछूत कहने पर भी दंड दिया जा सकता है। भारतीय राज्य में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में नहीं अपनाया गया। 
    (ii) भारत में सभी नागरिकों को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी धर्म को चुनने और उसका प्रचार करने का पूरा अधिकार है। सभी धार्मिक समुदायों को अपने धर्म का अनुकरण करने की पूरी स्वतंत्रता है।

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