जीवन के विभिन्न पहलुओं निम्नलिखित है जिसमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है या वे कमज़ोर स्थिति में होती हैं-
(i) भारतीय समाज में अधिकतर महिलाएँ घर की चारदीवारी में कैद होकर रह गई है।
(ii) सार्वजानिक क्षेत्र पुरुषों के कब्जे में है।
(iii) महिलाओं को स्वतंत्रता के अवसर नहीं मिलते।
(iv) महिलाओं की साक्षरता दर आज भी 54 प्रतिशत है जबकि पुरुषों की 76 प्रतिशत। सिमित संख्या में ही लड़कियाँ स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाती है।
(v) लड़कियों को बोझ समझा जाता है तथा कई क्षेत्रों में पैदा होने से पूर्व ही मार दिया जाता है। लड़कों के जन्म पर जश्न मनाया जाता है। देश का लिंग अनुपात 850 से 800 तक गिर गया है।
(vi) पारिवारिक कानून अधिकार भी स्रियों के पक्ष में नहीं है।
(vii) आज भी अधिक पैसे वाली प्रतिष्ठित नौकरियों में महिलाओं का अनुपात कम है। भारत में एक स्री एक पुरुष की तुलना में घंटों काम करती है। उसको ज़्यादातर काम के लिए पैसे भी नहीं मिलते।
(viii) महिला सांसदों की लोकसभा में संख्या पर्याप्त नहीं है। राजनितिक जीवन में उनकी संख्या बहुत कम है।
(ix) हम प्रतिदिन स्रियों पर होने वाले शोषण और अत्यचारों की ख़बरें सुनते है।