दो कारण बताएँ की क्यों सिर्फ़ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते।
चुनावों में जातिगत भावनाओं का प्रभाव अवश्य पड़ता हैं। परन्तु सिर्फ़ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो सकते। इसके दो कारण निम्नलिखित है:
(i) देश के किसी भी एक संसदीय चुनाव क्षेत्र में किसी एक जाती के लोगों का बहुमत नहीं हैं इसलिए प्रत्येक पार्टी ओर उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए एक जाती तथा एक समुदाय से ज़्यादा लोगों का भरोसा हासिल करना पड़ता हैं।
(ii) यदि किसी चुनाव क्षेत्र में एक जाती के लोगों का प्रभुत्व माना जा रहा हो तो अनेक पार्टियों को उसी जाती का उम्मीदवार खड़ा करने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में कुछ मतदाताओं के सामने उनकी जाती के दो से अधिक प्रत्याशी खड़े होते हैं तो ऐसे में उस जाती का प्रभाव जाता रहता है।



