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मानव विकास का मूल उद्देश्य क्या है? मानव विकास के चार स्तम्भों का उदाहरण सहित वर्णन करो ।
विकास का मूल उद्देश्य ऐसी दशाओं को उत्पन्न करना है जिसमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
मानव विकास के चार स्तंभ-
मानव विकास की परिभाषा लिखों । मानव विकास के विभिन्न उपगमों का वर्णन करों।
मानव विकास, स्वास्थ्य भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतंत्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।
मानव विकास के उपागम-
उच्च मानव विकास सूचकांक वाले चार देशों के नाम लिखों । उच्च मानव विकास के लिए उत्तरदायी तीन कारण लिखो ।
उच्च सूचकांक वाले देश
उच्च सूचकांक-कारण
निम्न मानव विकास सूचकांक वाले चार देशों के नाम लिखो । निम्न सूचकांक के लिए उत्तरदायी तीन कारण लिखो।
निम्न सूचकांक वाले देश
निम्न सूचकांक - कारण
महबूब - उल - हक और अमर्त्य सेन द्वारा दिए गए विकास के वैकल्पिक दृष्टिकोण की विस्तार से चर्चा कीजिए।
अनेक दर्शकों तक किसी देश के विकास के स्तर को केवल आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में मापा जाता था
निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है?
आकार में वृद्धि
गुण में धनात्मक परिवर्तन
आकार में स्थिरता
गुण में साधारण परिवर्तन
B.
गुण में धनात्मक परिवर्तन
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मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए ।
मानव विकास के चार प्रमुख घटक अथवा स्तंभ निम्नलिखित हैं-
मानव विकास सूचकांक केआधार पर देशों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है?
मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है :-
मानव विकास का स्तर | मानव विकास सूचकांक के स्कोर | देशों की संख्या |
उच्च मध्यम निम्न |
0.8 से ऊपर 0.5 से 0.799 के मध्य 0.5 से नीचे |
57 88 32 |
मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है?
मानव विकास - मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ० महबूब-उल-हक ने किया था । उन्होंने मानव विकास की कल्पना एक ऐसे विकास के रूप में की जिसका संबंध लोगों के विकल्पों में बढ़ोतरी से है, ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जी सकें। सन् 1990 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है, ''मानव विकास मनुष्य की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवनयापन की सुविधाओं के स्तर को विकसित करने की प्रक्रिया है।''
मानव विकास के उद्देश्य - मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी परिस्थितियों को उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकें। मानव विकास के तीन महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं:- (1) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, (2) शिक्षा का प्रसार, (3) संसाधनों तक पहुँच ।
उपरोक्त तीनों पक्ष मानव विकास के केंद्र बिंदु हैं। इन पक्षों में से प्रत्येक के मापन के लिए उपयुक्त सूचकों का विकास किया गया है।
मानव विकास के लिए क्षमताओं का निर्माण - जब तक लोगों की क्षमताओं का निर्माण नहीं किया जाता, तब तक उनके विकल्पों को बढ़ाया नहीं जा सकता । विकल्पों को बढ़ाए बिना स्वास्थ्य, शिक्षा व संसाधनों तक लोगों की पहुँच संभव नहीं है। उदाहरणतया एक अशिक्षित बच्चा इंजीनियर अथवा डॉक्टर बनने का विकल्प नहीं चुन सकता, क्योंकि उसका विकल्प शिक्षा के अभाव में सीमित हो जाता है।
मानव विकास के चार स्तंभ - मानव विकास के चार स्तंभ निम्नलिखित हैं-
मानव विकास के उपागम - मानव विकास की समस्या को देखने के अनेक उपागम हैं जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं :-
मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता और सतत् पोषणीयता से आप क्या समझते हैं?
समता :- प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध संसाधनों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना समता कहलाता है। लोगों को उपलब्ध अवसर धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान तथा आय के भेदभाव के विचार के बिना समान होने चाहिएँ। भारतीय संविधान में भी समानता का अधिकार प्रदान किया गया है।
सतत् पोषणीयता :- सतत् पोषणीयता से अभिप्राय है कि लोगों को विकास करने के अवसर लगातार मिलते रहें। सतत् पोषणीयता मानव विकास तभी होगा जब प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिलें। अत: यह जरूरी है कि हम पर्यावरणीय, वित्तीय और मानव संसाधनों का उपयोग इस प्रकार करें कि वे भावी पीढ़ी को भी पर्याप्त मात्रा में मिल सकें।
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