मानव भूगोल के मूल सिद्धांत Chapter 2 विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

    विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि Here is the CBSE ������������������ Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIGEH12025257
    Question 3
    CBSEHHIGEH12025259
    Question 4
    CBSEHHIGEH12025260

    जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन से हैं?

    Solution
    • जन्म दर
    • मृत्युदर
    • प्रवास
    Question 5
    CBSEHHIGEH12025261

    उत्प्रवासी किसे कहते हैं?

    Solution

    प्रवासी वो होते हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान चले जाते हैं।

    Question 7
    CBSEHHIGEH12025263
    Question 9
    CBSEHHIGEH12025265

    विकासशील (अफ्रीकी) देशों में जीवन प्रत्याशा कम क्यों है?

    Solution

    एच. आई. वी. / एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों के कारण ।

    Question 10
    CBSEHHIGEH12025266

    जनांकिकीय संक्रमण से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    किसी क्षेत्र के भविष्य की जनसंख्या को बताने के लिए जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है। इसकी 3 अवस्थाएँ है: -

    अवस्था:

    • उच्च जन्मदर, उच्च मृत्युदर, निम्न वृद्धिदर ।  उदाहरण - बंगलादेश

    अवस्था:

    • उच्च जन्मदर आरंभ में, बाद में हास, निम्न मृत्युदर, उच्च वृद्धिदर । -  भारत

    अवस्था:

    • निम्न जन्मदर, निम्न मृत्युदर, स्थिर या निम्न वृद्धिदर । - उदाहरण जापान

    Question 11
    CBSEHHIGEH12025267

    जनसंख्या घनत्व के आधार पर विश्व को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित करो।

    Solution
    1. उच्च जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र
      1. मानसून एशिया
      2. यूरोप - नदी घाटी, तटवर्ती क्षेत्र
      3. उत्तर अमेरिका का पूर्वी तट
    2. साधारण जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेश
      1. एशिया
      2. यूरोप
      3. संयुक्त राज्य अमेरिका
      4. अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, आस्ट्रेलिया
    3. विरल जनसंख्या घनत्व वाले प्रदेश
      1. उष्ण मरुस्थल
      2. अतिशीत क्षेत्र
      3. शीतोष्ण मरुस्थल
      4. विषुवत रेखीय क्षेत्र
    Question 12
    CBSEHHIGEH12025268

    जनसंख्या परिवर्तन के घटक कौन से हैं?

    Solution
    1. प्रजनन अथवा जन्म - दर:- CBR = BP x 1000            B = किसी वर्ष विशेष के जीवित जन्म
    2. मृत्यु दर:- CDR = DP X 1000                              P = किसी क्षेत्र विशेष में वर्ष के मध्य जनसंख्या
    3. प्रवास:-                                                             D = किसी वर्ष विशेष में मृतकों की संरव्या
      • उत्प्रास
      • अप्रवास
    4.  

    Question 13
    CBSEHHIGEH12025269

    ''विश्व में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते है। '' पाँच उदाहरण सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए ।

    Solution
    1. विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
    2. दस देशों में से छह एशिया में अवस्थित है।
    3. छ: एशियाई देशों की जनसंख्या विश्व में 292.93 करोड़ है।
    4. स. रा. अ. का उ. पूर्वी भाग, यूरोप का उ. पश्चिमी भाग द. पू. और पूर्वी एशिया के भाग अधिक घनत्व है जहां जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक है।
    5. उत्तरी और द. ध्रुवो के निकट, उष्ण और शीत मरुस्थल अधिक वर्षा वाले विषुवतीय क्षेत्र आदि क्षेत्रों में जनसंरव्या घनत्व 1 व्यक्ति प्रति वर्ष किलोमीटर से कम है।
    Question 14
    CBSEHHIGEH12025270

    जनसंख्या घनत्व का क्या अर्थ है? विश्व में जनसंरव्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए ।

    Solution

    जनसंख्या का घनत्व :- जनसंख्या घनत्व को प्रतिवर्ग किमी. क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। यह एक अशोधित मापन है जिसे अंकगणितीय घनत्व के तौर पर संदर्भित किया जाता है। यह अशोधित इसलिए है क्योंकि जनसंख्या घनत्व की गणना करने में देश के पूरे क्षेत्र को शामिल किया जाता है।

    जनसंरव्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक यह है ।

    1. जल की उपलब्धता : जल जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। अत: लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। जल का उपयोग पीने, नहाने और भोजन बनाने के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों तथा नौसंचालन में किया जाता है। यही कारण है कि नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।
    2. भू-आकृति : लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं इसका कारण यह है कि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन-तंत्र के विकास में अवरोधक हैं, इसलिए प्रारंभ में कृषिगत और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते। अत: इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले । क्षेत्रों में से एक हैं जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
    3. जलवायु : अति ऊष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों को विषम जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती हैं। सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते, अधिक लोगों को आकृष्ट करते हैं। अधिक वर्षा अथवा विषम और रुक्ष जलवायु के क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। भूमध्य सागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण इतिहास के आरंभिक कालों से बसे हुए हैं।
    4. मृदाएँ : उपजाऊ मृदाएँ कृषि तथा इनसे संबंधित क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं इसलिए उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं। क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।

    Question 15
    CBSEHHIGEH12025271

    विश्व में प्रवास को प्रभावित करने वाले दो कारक कौन - से है? दोनों कारकों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए ।

    Solution

    विश्व में प्रवास को प्रभावित करने वाले दो कारक यह है: -

    1. प्रतिकर्ष कारक - बेरोज़गारी, रहन सहन की निम्न दशाएँ, राजनैतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारियाँ तथा सामाजिक आर्थिक स्थिति का अनुकूल न होना ।
    2. अपकर्ष कारक - रोज़गार के बेहतर अवसर और रहन सहन की अच्छी दशाएँ, शान्ति व स्थायित्व, जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा तथा अनुकूल जलवायु।

    Question 16
    CBSEHHIGEH12025272

    जनसंख्या परिवर्तन के ऋणात्मक प्रभाव कौन से है?

    Solution

    ह्रासमान जनसंख्या के ऋणात्मक प्रभाव :

    • संसाधनो के प्रयोग में कमी ।
    • वृद्ध जनसंख्या अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाती है।
    • कार्यरत जनसंख्या, अर्थव्यवस्था, प्रौधोगिकी विकास का ह्रास

    बढ़ती जनसंख्या के ऋणात्मक प्रभाव :

    • भूमि पर दबाव ।
    • 18 वर्ष से कम जनसंख्या के अधिक होने से स्वास्थ्य, शिक्षा की सुविधाओं पर दबाव बढ़ जाता है।
    • गरीबी, बेरोज़गारी में वृद्धि ।
    • पर्यावरण अवकर्षण ।

    Question 17
    CBSEHHIGEH12025273

    जनसंख्या में परिवर्तन के घनात्मक प्रभाव कौन से है?

    Solution

    ह्रासमान जनसंख्या के धनात्मक प्रभाव :

    • भूमि व ससाधनों पर कम दबाव ।
    • मूलभूत ढांचे और आम सुविधाओं पर कम दबाव ।
    • उच्च प्रति व्यक्ति आय और बेहतर जीवन स्तर ।

    बढ़ती जनसंख्या के घनात्मक प्रभाव :

    • मानव संसाधन के लिए वृहत अवसर ।
    • बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी ।
    • ससाधनों का बेहतर प्रयोग ।
    • जैव विविधता को नुकसान न पहुँचाना ।

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    Question 18
    CBSEHHIGEH12025274

    जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि दर से भिन्न है? किस स्थिति में यह प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि बन जाती है।

    Solution

    जनसंख्या वृद्धि:- समय के दो अंतरालो के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाली जनसंरव्या में परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है।
    जनसंख्या की वृद्धि दर:- यह जनसंख्या में परिवर्तन है जो प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
    जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि:- किसी क्षेत्र विशेष मे दो समय अंतरालो में जन्म और मृत्यु के अंतर से बढ़ने वाली जनसंख्या।

    Question 23
    CBSEHHIGEH12025348

    जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लेख कीजिए।

    Solution

    प्राकृतिक कारक - धरातलीय स्वरूप, जलवायु, मृदा, प्राकृतिक वनस्पति,
    आर्थिक कारक - खनिज, नगरीकरण, औद्योगिक विकास, परिवहन,
    सामाजिक-सांस्कृतिक कारक - विस्थापन, श्रम का विकास ।

    Question 24
    CBSEHHIGEH12025349

    विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?

    Solution

    200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर सेअधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों को उच्च (घनी) जनसंख्या वाले क्षेत्र कहते हैं। उच्च जनसंख्या वाले क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

    1. मानसून एशिया - इस क्षेत्र में चीन, भारत, बंगलादेश, जापान तथा इंडोनेशिया का जावा द्वीप प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों में वर्षा पर्याप्त मात्रा में होती है। इन क्षेत्रों की जनसंख्या मुख्यत: कृषि पर आधारित है। कहीं-कहीं तो जनसंख्या का घनत्व 400 से 800 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी० है। यह जनसंख्या मुख्यत: उपजाऊ नदी-घाटियों में ही केंद्रित है।
    2. पश्चिमी यूरोप - यूरोप की घनी जनसंख्या मुख्यत: उद्योगों पर निर्भर है। लोगों का मुख्य धंधा उद्योग, व्यापार तथा वाणिज्य है। अधिकांश जनसंख्या औद्योगिक नगरों में रहती है। कच्चा माल तथा भोजन विश्व के अन्य क्षेत्रों से आयात किया जाता है। यूरोप में सघन जनसंख्या की पेटी इंग्लिश चैनल से नीपर नदी तक विस्तृत है, जिसमें ब्रिटेन, बेलिजयम, हॉलैंड, डेनमार्क, उत्तरी फ्रांस तथा उत्तरी-पूर्वी जर्मनी आदि सम्मिलित हैं।
    3. संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के पूर्वी भाग - यहाँ जनसंख्या का संकेंद्रण अपेक्षाकृत छोटा तथा नवीन है। यहाँ पर उद्योग - धंधों के कारण जनसंख्या का विकास हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग पर जनसंख्या अति सघन है। इसके साथ ही कनाडा के दक्षिणी-पूर्वी तटों पर भी कुछ भाग घनी जनसंख्या वाला क्षेत्र है।

    Question 25
    CBSEHHIGEH12025350

    जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन से हैं?

    Solution

    जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक निम्नलिखित हैं:-

    1. प्रजननशीलता या जन्म-दर,
    2. मर्त्यता या मृत्यु-दर,
    3. प्रवास ।

    Question 26
    CBSEHHIGEH12025351

    अंतर स्पष्ट कीजिए :

    जन्म दर और मृत्यु दर

    Solution

    जन्म-दर और मृत्यु-दर में निम्नलिखित अंतर हैं:-

    जन्म-दर मृत्यु-दर
    1. किसी देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों पर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या जन्म-दर कहलाती है।
    2. यह दर प्रति हजार में व्यक्त होती है।
    1. किसी देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों पर मरने वाले व्यक्तियों की संख्या मृत्यु-दर कहंलाती है।
    2. यह दर भी प्रति हजार में व्यक्त होती है।

    Question 27
    CBSEHHIGEH12025352

    अंतर स्पष्ट कीजिए :

    प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक

    Solution

    प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक में निम्नलिखित अंतर हैं:-

    प्रतिकर्ष कारक अपकर्ष कारक
    1. जब लोग जीविका के साधन उपलब्ध न होने के कारण गरीबी तथा बेरोज़गारी के कारण नगरों की ओर प्रवास करते हैं तो इसे प्रतिकर्ष कारक कहा जाता है।

    2. प्रतिकर्ष कारक के कारण लोग अपने उद्गम स्थान से दूसरे स्थान की ओर जाते हैं।

    1. नगरीय सुविधाओं तथा आर्थिक परिस्थितियों के कारण जब लोग नगरों की ओर प्रवास करते हैं तो इसे अपकर्ष कारक कहा जाता है।
    2. अपकर्ष कारक के कारण लोग गन्तव्य स्थान को आकर्षक बनाते हैं।

     

    Question 28
    CBSEHHIGEH12025353

    विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।

    Solution

    विश्व में जनसंख्या के वितरण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बड़ा असमान तथा अव्यवस्थित है। अनुमान है कि विश्व की 90% जनसंख्या पृथ्वी के केवल 10% भाग पर निवास करती है, जबकि केवल 10% जनसंख्या धरातल का 90% भाग घेरे हुए है। जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक - किसी भी देश अथवा प्रदेश की जनसंख्या के वितरण को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं:-

    1. भौगोलिक कारक-
      1. धरातल :- जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने में धरातल की विभिन्नता सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। ऊबड़ - खाबड़ तथा ऊंचे पर्वतीय प्रदेशों में जनसंख्या कम आकर्षित होती है। वहाँ जनसंख्या विरल पाई जाती है क्योंकि वहाँ पर मानव निवास की अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध नहीं होतीं, कृषि के लिए उपजाऊ मिट्टी का अभाव होता है, यातायात के साधनों का विकास आसानी से नहीं हो पाता, कृषि फसलों के लिए वर्धनकाल छोटा होता है, जलवायु कठोर होती है। भारत के हिमालय पर्वतीय प्रदेश, उत्तरी अमेरिका के रॉकीज़ पर्वतीय प्रदेश तथा दक्षिणी अमेरिका के एंडीज़ पर्वतीय प्रदेशों में जनसंख्या के कम पाए जाने का यही कारण है। इसी प्रकार मरुस्थलीय भू-भागों में जलवायु कठोर तथा जीवन-यापन के पर्याप्त साधन न होने के कारण जनसंख्या कम पाई जाती है। थार मरुस्थल, सहारा मरुस्थल तथा अटाकामा मरुस्थल आदि में इसी कारण जनसंख्या कम है।
        इसके विपरीत मैदानी भागों में जनसंख्या सघन पाई जाती है। विश्व की 90% जनसंख्या मैदानों में रहती है। वहाँ कृषि के लिए उपजाऊ मिट्टी, यातायात एवं संचार के साधनों का विकास तथा उद्योग - धंधों की स्थिति जनसंख्या को आकर्षित करती है। प्रारंभ में मनुष्य ने अपना निवास - स्थान इन्हीं नदियों की घाटियों में बनाया । वहाँ उसके लिए जल की आपूर्ति तथा कृषि करने के लिए उपजाऊ मिट्टी मिल जाती थी । यही कारण है कि नदियों की घाटियों में ही विश्व की प्राचीन सभ्यताएँ विकसित हुई हैं। इन्हें सभ्यता का पालना भी कहा जाता है। भारत में सतलुज गंगा के मैदान, म्यांमार में इरावती के मैदान, चीन में यांग-टी-सीक्यांग के मैदान, ईरान-इराक में दज़ला फरात तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में मिसीसिपी के मैंदानों में जनसंख्या सघन मिलती है।
      2. जलवायु :- जलवायु का जनसंख्या के वितरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अनुकूल तथा आरामदेय जलवायु में कृषि, उद्योग तथा परिवहन एवं व्यापार का विकास अधिक आसानी से होता है। विश्व में मध्य अक्षांश जलवायु की दृष्टि से अनुकूल है। इसलिए विश्व की अधिकांश जनसंख्या इन्हीं प्रदेशों में निवास करती है। इसके विपरीत अत्यधिक ठंडे प्रदेश जैसे ध्रुवीय प्रदेश मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इसलिए शीत प्रदेशों में जनसंख्या विरल पाई जाती है। इसी प्रकार शुष्क मरुस्थलीय प्रदेशों की जलवायु ग्रीष्म ऋतु में झुलसाने वाली होती है तथा शीत ऋतु में ठिठुराने वाली । यही कारण है कि विश्व के मरुस्थलों; जैसे सहारा, थार, कालाहारी, अटाकामा तथा अरब के मरुस्थलों में जनसंख्या विरल है।
      3. मृदा :- मनुष्य की पहली आवश्यकता है - भोजन । भोजन हमें मिट्टी से मिलता है। मिट्टी में ही विभिन्न कृषि फसलें पैदा होती हैं। इसलिए विश्व के जिन क्षेत्रों में उपजाऊ मिट्टी है, वहाँ जनसंख्या अधिक पाई जाती है। भारत में सतलुज गंगा के मैदान, संयुक्त राज्य अमेरिका में मिसीसिपी के मैदान, पाकिस्तान में सिंध के मैदान, मिस्र में नील नदी के मैदान आदि में उपजाऊ मिट्टी की परतें हैं जिससे अधिकांश लोग वहाँ आकर बस गए हैं।
      4. वनस्पति :- वनस्पति भी जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करती है। उदाहरणार्थ, भूमध्य-रेखीय क्षेत्रों में सघन वनस्पति (सदाबहारी वनों) के कारण यातायात के साधनों का विकास कम हुआ है। आर्द्र जलवायु के कारण मानव-जीवन अनेक रोगों से ग्रसित रहता है इसलिए यहाँ की जनसंख्या विरल है। इसके विपरीत जिन क्षेत्रों में वनस्पति आर्थिक उपयोग वाली होती है वहाँ मानव लकड़ी से. संबंधित अनेक व्यवसाय आरंभ कर देता है; जैसे टैगा के वनों का आर्थिक महत्त्व है इसलिए वहाँ जनसंख्या अधिक पाई जाती है। वनस्पति विहीन क्षेत्रों (मरुस्थलों) में भी जनसंख्या विरल है।
    2. मानवीय कारक -
      1. कृषि :- विश्व में जो क्षेत्र कृषि की दृष्टि से अनुकूल हैं, वहाँ जनसंख्या का अधिक आकर्षण होता है। वहाँ लोग प्राचीन समय से ही अधिक संख्या में निवास करते आ रहे हैं। प्रेयरीज़ तथा स्टेपीज़ प्रदेश कृषि के लिए उपयुक्त हैं इसलिए वहाँ जनसंख्या का घनत्व अधिक है। भारत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब में जनसंख्या का घनत्व अधिक है। इसी प्रकार चीन में यांग-टी-सीक्यांग की घाटी कृषि के लिए सर्वोत्तम वातावरण उपलब्ध कराती है इसलिए यहाँ जनसंख्या का केंद्रीकरण अधिक हुआ है।
      2. नगरीकरण :- नगर जनसंख्या के लिए चुंबक का कार्य करते हैं। बीसवीं शताब्दी में नगरीकरण की प्रवृत्ति के कारण नगरों की जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। नगरों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, व्यापार आदि की अधिक सुविधाएँ सुलभ हैं इसलिए जनसंख्या का जमघट नगरों में अधिक देखने को मिलता है। न्यूयार्क, लंदन, मास्को, बीजिंग, शंघाई, सिडनी, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई आदि नगरों में जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है। कई नगरों में जनसंख्या की विस्फोटक स्थिति के कारण मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालने वाली समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
      3. औद्योगीकरण :- जिन क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना अधिक हुई है तथा औद्योगिक विकास तीव्र हुआ
        है, वहाँ जनसंख्या का आकर्षण बढ़ा है। जापान, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तरी-पूर्वी भाग, जर्मनी का रूर क्षेत्र तथा यूरोपीय देशों में औद्योगिक विकास के कारण जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है। भारत में पिछले दो दशकों से दिल्ली, मुंबई तथा हुगली क्षेत्र में औद्योगिक विकास के कारण जनसंख्या बड़ी तेजी से बड़ी है।
      4. परिवहन :- परिवहन की सुविधाओं का भी जनसंख्या के वितरण पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जिन क्षेत्रों में यातायात की अधिक सुविधाएँ है वहाँ जनसंख्या का अधिक आकर्षण होता है। महासागरीय यातायात के विकास के कारण कई बंदरगाह विश्व के बड़े नगर बन चुके हैं। वहाँ अन्य यातायात के साधन भी विकसित हो जाते हैं। सिंगापुर, शंघाई, सिडनी, मुंबई, न्यूयार्क आदि बंदरगाहों के रूप में विकसित हुए थे, लेंकिन आज इन नगरों में रेल, सड़क तथा वायुयातायात की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
      5. राजनीतिक कारक :- राजनीतिक कारक भी कुछ सीमा तक जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते
        हैं। सरकार की जनसंख्या नीति मानव के बसाव को अनुकूल तथा प्रतिकूल बना सकती है। रूस सरकार साइबेरिया में जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करके उनको पारितोषिक देती है। फ्रांस में जनसंख्या वृद्धि के लिए करों में रियायतें दी जाती हैं जबकि चीन,भारत तथा जापान में जनसंख्या की विस्फोटक स्थिति है। चीन में एक बच्चा होने के बाद सरकार ने दूसरे बच्चे के जन्म देने पर प्रतिबंध लगा रखा है। भारत में भी जनसंख्या को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन पिछले एक दशक से चीन की जनसंख्या में वृद्धि-दर निरंतर कम हो रही है जबकि भारत में वृद्धि-दर 2 प्रतिशत से भी अधिक है। वह दिन निकट ही है जब भारत की जनसंख्या विश्व में सबसे अधिक हो जाएगी ।
    3. आर्थिक कारक- जिन क्षेत्रों में खनिज पदार्थों के भंडार मिलते हैं, वहाँ खनन व्यवसाय तथा उद्योगों की स्थापना के कारण जनसंख्या अधिक आकर्षित होती है। ब्रिटेन में पेनाइन क्षेत्र, जर्मनी में रूर क्षेत्र, संयुक्त राज्य अमेरिका में अरप्लेशियन क्षेत्र, रूस के डोनेत्स बेसिन तथा भारत के छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या का केंद्रीकरण वहाँ की खनिज संपदा की ही देन है।

    Question 29
    CBSEHHIGEH12025354

    जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।

    Solution

    जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। यह सिद्धांत हमें बताता है कि जैसे ही समाज ग्रामीण अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय औद्योगिक और साक्षर बनता है तो किसी प्रदेश की जनसंख्या उच्च जन्म-दर और उच्च मृत्यु-दर से निम्न जन्म-दर व निम्न मृत्यु दर में बदल जाती है। ये परिवर्तन तीन अवस्थाओं में होते हैं-

    1. प्रथम अवस्था :- उच्च प्रजननशीलता में उच्च मर्त्यता होती है क्योंकि लोग महामारियों और भोजन की अनिश्चित आपूर्ति से पीड़ित थे। जीवन - प्रत्याशा निम्न होती है, अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं।
    2. द्वितीय अवस्था :- द्वितीय अवस्था के प्रारंभ में प्रजननशीलता ऊँची बनी रहती है किंतु यह समय के साथ घटती जाती है। स्वास्थ्य संबंधी दशाओं व स्वच्छता में सुधार के साथ मर्त्यता में कमी आती है।
    3. तीसरी अवस्था :- तीसरी अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती हैया मंद गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है व उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है।

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