जनसंख्या घनत्व का क्या अर्थ है? विश्व में जनसंरव्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए ।
जनसंख्या का घनत्व :- जनसंख्या घनत्व को प्रतिवर्ग किमी. क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। यह एक अशोधित मापन है जिसे अंकगणितीय घनत्व के तौर पर संदर्भित किया जाता है। यह अशोधित इसलिए है क्योंकि जनसंख्या घनत्व की गणना करने में देश के पूरे क्षेत्र को शामिल किया जाता है।
जनसंरव्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक यह है ।
- जल की उपलब्धता : जल जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। अत: लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। जल का उपयोग पीने, नहाने और भोजन बनाने के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों तथा नौसंचालन में किया जाता है। यही कारण है कि नदी-घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।
- भू-आकृति : लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं इसका कारण यह है कि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन-तंत्र के विकास में अवरोधक हैं, इसलिए प्रारंभ में कृषिगत और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते। अत: इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले । क्षेत्रों में से एक हैं जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
- जलवायु : अति ऊष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों को विषम जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती हैं। सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते, अधिक लोगों को आकृष्ट करते हैं। अधिक वर्षा अथवा विषम और रुक्ष जलवायु के क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। भूमध्य सागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण इतिहास के आरंभिक कालों से बसे हुए हैं।
- मृदाएँ : उपजाऊ मृदाएँ कृषि तथा इनसे संबंधित क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं इसलिए उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं। क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।



