भारत लोग और अर्थव्यवस्था Chapter 6 जल संसाधन
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 12 ������������������ भारत लोग और अर्थव्यवस्था

    जल संसाधन Here is the CBSE ������������������ Chapter 6 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ जल संसाधन Chapter 6 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ जल संसाधन Chapter 6 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 6
    CBSEHHIGEH12025450

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    यह कहा जाता है कि भारत में जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।

    Solution

    जल एक अनिवार्य संसाधन हैं। इसका कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। भारत में तेज़ जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की प्रति-व्यक्ति उपलब्धता दिनों-दिन कम होती जा रही हैं। उपलब्ध जल संसाधन औद्योगिक, कृषि और घरेलू निस्सरणों से प्रदूषित होता जा रहा है और इस कारण उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता और सीमित होती जा रही है।

    Question 7
    CBSEHHIGEH12025451

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास केलिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?

    Solution

    पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में भौम जल का उपयोग बहुत अधिक है। यह इसलिए सम्भव हुआ हैं क्योंकि कृषि के अंतर्गत यहाँ उगाए जाने वाली फसलों में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती हैं, जिससे ये राज्य अपने संभावित भौम जल के एक बड़े भाग का उपयोग करते हैं जिससे कि इन राज्यों में भौम जल में कमी आ जाती है।

    Question 8
    CBSEHHIGEH12025452

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है?

    Solution

    देश में कुल जल उपयोग में कृषि सेक्टर का भाग दूसरे सेक्टरों से अधिक है। फिर भी, भविष्य में विकास के साथ-साथ देश में औद्योगिक और घरेलू सेक्टरों में जल का उपयोग बढ़ने की संभावना हैं, क्योंकि भारत में औद्योगीकरण का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा हैं जिस कारण कृषि उपयोगी भूमि सिकुड़ती जा रही हैं।

    Question 9
    CBSEHHIGEH12025453

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    लोगों पर संदूषित जल/गंदे पानी के उपभोग के क्या संभव प्रभाव हो सकते हैं?

    Solution

    जल जीवन का आधार हैं। यह प्राण-रूपी संसाधन हैं। इसके संदूषित होने से इसके गुणों में कमी आती हैं जिसके कारण यह अनेक बीमारियों जैसे: हैजा, पीलिया, अतिसार इत्यादि को जन्म देता हैं और इसे यह मानव उपयोग के योग्य नहीं रहता हैं।

    Question 10
    CBSEHHIGEH12025454

    निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:

    देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए और इसके स्थानिक वितरण के लिए उत्तरदायी निर्धारित करने वाले कारक बताइए।

    Solution

    भारत में विश्व के जल संसाधनों का 4 प्रतिशत भाग पाया जाता है। भारत में प्रति वर्ष वर्षा से कुल 4,000 घन कि.मी. जल की मात्रा प्राप्त होती हैं। धरातलीय जल और पुन: पूर्तियोग भौम जल से 1869 घन कि.मी. जल उपलब्ध है। इसमें से केवल 60 प्रतिशत जल का लाभदायक उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार देश में कुल उपयोगी जल संसाधन 1,122 घन कि.मी. है।

    वर्षा: जल का सबसे बड़ा स्तोत्र वर्ष होती हैं। वर्षा का प्रभाव अंतभौम पर भी देखा जा सकता हैं। बहुत कम वर्षा वाले वाले प्रदेश में अंतभौम जल खारा पाया जाता हैं।

    धरातलीय जल: धरातलीय जल के चार मुख्य स्रोत हैं- नदियाँ, झीलें, तलैया और तालाब। नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है। इस जल के सिंचाई में उचित प्रबंध से हमारे कृषि क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों से नदियों पर बांध बनाकर इसका सदुपयोग किया जाता है। भारत में क्योंकि वर्षा अनिश्चित है इसलिए धरातलीय जल का उचित दिशा में प्रयोग बहुत जरूरी है। फसलों को उचित समय पर जल प्रदान करने के लिए भी जल का उचित प्रबंध जरूरी हैं। अनुमान है कि भारत की नदियों में 16.7 करोड़ हेक्टेयर मीटर जल- संसाधन उपलब्ध हैं। इसमें से 6.6 करोड़ हेक्टेयर मीटर जल सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है।

    भौम जल: जल एक अन्य स्त्रोत भौम जल भी हैं। देश में, कुल पुन: पूर्तियोग्य भौम जल संसाधन लगभग 432 घन कि.मी. है। भौम जल संसाधन का लगभग 46 प्रतिशत गंगा और ब्रह्मपुत्र बेसिनों में पाया जाता है। इसके उपयोग में विभिन्न राज्यों में भिन्नता पायी जाती हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और तमिलनाडु राज्यों में भौम जल का उपयोग बहुत अधिक है। परंतु कुछ राज्य जैसे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, केरल आदि अपने भौम जल क्षमता का बहुत कम उपयोग करते हैं।

    जल संसाधन का संरक्षण बहुत ज़रूरी हैं। अतः इसका उपयोग बड़ी सूझ-बुझ से किया जाना चाहिए। ऐसा न किए जाने पर विकास के मार्ग में बाँधा उत्पन्न होगी जिस कारण हमे सामाजिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ेगा।

    Question 11
    CBSEHHIGEH12025455

    निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:

    जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंद्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।

    Solution

    इसमें कोई दोराहे नहीं है कि जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वंद्वों और विवादों को जन्म देता हैं। नीचे दिए गए उदहारणों से स्पष्ट होता हैं कि यह अपने आप में एक समस्या बन गई हैं:

    1. पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद: हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी की कमी थी। केंद्र सरकार ने सतलुज नदी से पानी उपलब्ध कराने की योजना बनाई, लेकिन पंजाब के लोगों ने सरकार को अनुमति नहीं दी। इतना ही नहीं उच्चतम न्यायालय ने भी हरियाणा के पक्ष में फैसला किया था, किन्तु फिर भी पंजाब हरियाणा को अतिरिक्त जल उपलब्ध कराने को राज़ी नहीं हुआ जिससे दोनों राज्यों के बीच में बाद में विवाद उत्पन्न हो गया। 
    2. तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच विवाद: तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच 'कावेरी विवाद' भी इस तरह का विवाद था जिसे हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निपटाया था। इसके चलते तमिलनाडु चुनाव में राजनैतिक दलों ने इसका काफी लाभ उठाया था। 
    3. पीने के पानी को लेकर विवाद: साफ़ अथवा पीने के पानी को लेकर समय-समय पर विभिन्न राज्यों के बीच विवाद देखे जा सकते हैं। जैसे कि: उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा दिल्ली राज्य को निर्धारित मात्रा से कम पानी उपलब्ध करने का विवाद इत्यादि। इतना ही नहीं नदियों का प्रदूषित पानी भी समाज में अनेक समस्याएँ पैदा करता है।

    Question 12
    CBSEHHIGEH12025456

    निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:

    जल-संभर प्रबंधन क्या है? क्या आप सोचते हैं कि यह सतत पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है?

    Solution

    जल-संभर प्रबंधन: जल संभर प्रबंधन से तात्पर्य, मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है। इसके अंतर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे- अंत:स्रवण तालाब, पुनर्भरण, कुओं आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल हैं। इसके अंतर्गत सभी संसाधनों प्राकृतिक (जैसे भूमि, जल, पौधे और प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरुत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है। 

    जल-संभर प्रबंधन सतत पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच संतुलन लाना है। केंद्रीय और राज्य सरकारों ने देश में अनेक जल-संभर विकास और प्रबंधन कार्यक्रम चलाए हैं। इन कार्यक्रमों में 'नीरू-मीरू' और 'अरवारी पानी' संसद कार्यक्रम प्रमुख हैं जिनके अंतर्गत लोगों के सहयोग ने विभिन्न जल संग्रहण संरचनाएं जैसे- तालाब की खुदाई व बाँध बनाए गए हैं। तमिलनाडु राज्य में जल संग्रहण संरचना जिसके द्वारा जल का संग्रहण किया जाता है, को आवश्यक कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 'हरियाली केंद्र' सरकार द्वारा चलाई गई जल-संभर विकास परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण लोगों को पीने, सिंचाई तथा मत्स्य पालन के लिए जल संरक्षण के योग्य बनाना है। 

    अन्य क्षेत्रों में भी जल-संभर विकास योजना पर्यावरण और अर्थव्यवस्था की काया पलट ने में सफल हुई है। आवश्यकता इस योजना के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की है और इसकी जल संसाधन प्रबंधन उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत पोषणीय आधार पर की जा सकती है।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation