भारत लोग और अर्थव्यवस्था Chapter 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ भारत लोग और अर्थव्यवस्था

    जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Here is the CBSE ������������������ Chapter 1 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Chapter 1 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन Chapter 1 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 5
    CBSEHHIGEH12025399

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।

    भारत के अत्यंत ऊष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    जनसंख्या के वितरण में जलवायु कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विषम व शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व काफी कम पाया जाता है, जैसे मरुस्थलीय क्षेत्र। इसी प्रकार उपयुक्त जलवायु वाले क्षेत्र में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है, जैसे- उत्तर भारत के मैदान, डेल्टा और तटीय मैदान। यही कारण है कि लोग उपयुक्त जलवायु क्षेत्रों में निवास करते हैं।

    Question 6
    CBSEHHIGEH12025400

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या केलिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।

    Solution

    भारत की 68.84% जनसंख्या लगभग 6,35,588 गांवों में रहती है। हिमाचल प्रदेश की 89.96%, बिहार की 88.70%, असम की 85.92% तथा उड़ीसा की 83.32% जनसंख्या गांवों में रहती है। इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कृषि पर निर्भरता तथा प्राथमिक क्रियाओं में संलग्नता ही ग्रामीण जनसंख्या का एक उत्तरदायी कारण हैं।

    Question 7
    CBSEHHIGEH12025401

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है?

    Solution

    भारत के सन्दर्भ में यह बिलकुल सही है कि देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता दर काफी भिन्न हैं। इसका अभिप्राय हैं कि वहाँ की अधिकतर जनसंख्या कार्यशील हैं। उदाहरण के तौर पर हिमाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे राज्यों में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है। दूसरी ओर औध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कृषि मजदूरों की संख्या अधिक है।

    Question 8
    CBSEHHIGEH12025402

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

    'कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है।'' स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    भारत की कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर हैं; जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण और मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। इन आकंड़ों से स्पष्ट होता है कि भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश कृषि सेक्टर में संलग्न है।

    Question 9
    CBSEHHIGEH12025403

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।

    भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।

    Solution

    जनसंख्या घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। भारत का जनसंख्या घनत्व एशिया के सघनतम देशों में तीसरे स्थान पर है जो 313 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी.है। भारत में कई राज्यों में जनसंख्या घनत्व भिन्न-भिन्न है जो अरुणाचल प्रदेश में 13 व्यक्ति, राजधानी नई दिल्ली में 9,340 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है। उत्तरी भारत के राज्यों में जनसंख्या घनत्व उच्चतर है; जबकि प्रायद्वीपीय भारत के कई राज्यों में केरल (819) और तमिलनाडु (480) में ही उच्चतर घनत्व पाया जाता है।
    असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्य मध्यम घनत्व के राज्य हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में जनसंख्या घनत्व का वितरण इस प्रकार हैं:

    1. अति न्यून घनत्व वाले क्षेत्र: इन क्षेत्रों में मुख्यत: राजस्थान, भोपाल, मध्य- प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर इत्यादि राज्य सम्मिलित हैं। इन राज्यों में घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम है।
    2. न्यून घनत्व क्षेत्र: इन क्षेत्रों में गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड जैसे राज्य आते हैं। कम जनसंख्या घनत्व के क्षेत्र में मुख्यतः दस राज्य आते हैं। इन राज्यों में जनसंख्या घनत्व 201 से 400 वर्ग प्रति कि.मी.है।
    3. मध्यम घनत्व क्षेत्र: इनमें सम्मिलित राज्यों में जनसंख्या घनत्व 400 से 600 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है। इनमें तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा तथा अन्य राज्य आते हैं। जिनमें जिलों की संख्या 172 है।
    4. उच्च मध्यम घनत्व वाले क्षेत्र: उच्च मध्यम घनत्व के संयुक्त खंड में दादर नगर हवेली, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, गोवा, हरियाणा के 351 से 700 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी वाले क्षेत्र सम्मिलित है।
    5. उच्च घनत्व वाले क्षेत्र: इन क्षेत्र में से 600 से 800 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. घनत्व पाया जाता है। उत्तर-प्रदेश, लखनऊ, पंजाब, पश्चिमी बंगाल इन घनत्व के क्षेत्रों में आते हैं।
    6. अत्याधिक उच्च घनत्व क्षेत्र: इसमें जनसंख्या घनत्व कम से कम 1000 व्यक्ति प्रति कि.मी. है। इसमें राजधानी नई दिल्ली भी शामिल है। इसके अतिरिक्त मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद में भी अत्यधिक घनत्व पाया जाता है।

    Question 10
    CBSEHHIGEH12025404

    निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
    भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का विवरण दीजिए।

    Solution

    व्यावसायिक संघटन का अर्थ किसी व्यक्ति के खेती, विनिर्माण व्यापार, सेवाओं अथवा किसी भी प्रकार की व्यावसायिक क्रियाओं में लगे होने से है जिससे उससे आर्थिक लाभ प्राप्त होता हैं। आर्थिक स्तर की दृष्टि से भारत की जनसंख्या को तीन वर्गों में बाँटा जाता है, जिनके नाम हैं- मुख्य श्रमिक, सीमांत श्रमिक और अश्रमिक।

    भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का अध्ययन करने से पता चलता है कि यहाँ द्वितीयक और तृतीयक सेक्टरों की अपेक्षा प्राथमिक सेक्टर में लगे श्रमिकों की संख्या अधिक है। कुल-श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक व कृषि मजदूर हैं। जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं तथा 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर- घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण, मरम्मत व अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। देश में पुरुष श्रमिकों की संख्या स्त्री श्रमिकों की संख्या से तीनों सेक्टरों में अधिक है। महिला श्रमिकों की संख्या प्राथमिक सेक्टर में अपेक्षाकृत अधिक है।

    यह भी ध्यान देने योग्य है कि पिछले कुछ दशकों में भारत में कृषि सेक्टर के श्रमिकों के अनुपात में गिरावट दर्ज की जा रही है तथा द्वितीयक व तृतीयक सेक्टर में सहभागिता दर बढ़ी है। देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता दर में स्थानिक भिन्नता भी देखने को मिलती है, जैसे हिमाचल प्रदेश व नागालैंड में कृषकों की संख्या अधिक है, वहीं आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा मध्य प्रदेश में कृषि मजदूरों की संख्या अधिक है। जबकि नगरीकृत क्षेत्रों में श्रमिकों का बहुत बड़ा अनुपात अन्य सेवाओं में संलग्न है।

    सन् 2001 की जनगणना ने भारत की श्रमजीवी जनसंख्या को चार प्रमुख संवर्गो में बाँटा है :
    1. कृषक
    2. कृषि मजदूर
    3. घरेलूऔद्योगिक श्रमिक
    4. अन्य श्रमिक

                 
                             भारत में श्रम-शक्ति का सेक्टर-वार संघटन, 2001

    संवर्ग महिला
      व्यक्ति कुल श्रमिकों का प्रतिशत पुरुष महिला
    प्राथमिक 234088181 58.2 14,27,45,598 9,13,42,583
    द्वितीयक 16956942 4.2 87,44,183 82,12,759
    तृतीयक 151189601 37.6 12,35,24,695 27,66, 64,906

     

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