संविधान क्यों और कैसे?

Question

रजत ने अपने शिक्षक से पूछा -'संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेज है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेज की बातों का पालन क्यों करूँ ?' अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते ?

Answer

  1. एक अध्यापक के रूप में रजत को इस प्रकार से समझाया जा सकता है कि संविधान लगभग 58 वर्ष पुराना अवश्य हो गया है परंतु यह पुराना नहीं पड़ा क्योंकि इसकी मूल बातें आज भी प्रासंगिक एवं प्रायोगिक है। इसके अलावा हम परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार इसमें संसोधन भी कर सकते हैं।
  2. संविधान की भाषा कठिन अवश्य है परंतु इतनी भी कठिन नहीं कि इसका मूल भाव व उद्देश्य आम आदमी तक न पहुँचाया जा सके। अत: एक नागरिक के रूप में संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उपयोग भी करना चाहिए।
  3. यदि संविधान की भाषा कठिन एवं कानून के अनुसार ना हो, तो कोई भी शासक या व्यक्ति इसका गलत अर्थ में प्रयोग कर सकता है और कठिन भाषा के होते हुए भी है यह लोगों के अधिकारों की रक्षा का पूरा वचन देता है। अत: तुम्हें (रजत) इसका पालन करना चाहिए।

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निम्नलिखित में कौन-सा कथन इस बात की एक बेहतर दलील है कि संविधान की प्रमाणिकता संसद में ज़्यादा है ?

बतायें कि संविधान के बारे में निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत ?

भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:
संविधान का निर्माण विश्वसनीय नेताओं द्वारा हुआ। उनके लिए जनता के मन में आदर था।

भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:
संविधान ने शक्तियों का बँटवारा इस तरह किया कि इसमें उलट-फेर मुश्किल है।

भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:

किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और जिम्मेदारियों का साफ़-साफ़ निर्धारण क्यों जरूरी है? इस तरह का निर्धारण न हो तो क्या होगा ?

शासकों की सीमा का निर्धारण करना संविधान के लिए क्यों जरूरी है ? क्या कोई ऐसा भी संविधान हो सकता है जो नागरिकों को कोई अधिकार न दे।

जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना असंभव था, जो अमेरिकी सेना को पसंद न हो। क्या आपको लगता है कि संविधान को इस तरह बनाने में कोई कठिनाई है ? भारत में संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है ?

रजत ने अपने शिक्षक से पूछा -'संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेज है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेज की बातों का पालन क्यों करूँ ?' अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते ?

संविधान के क्रिया-कलाप से जुड़े अनुभवों को लेकर एक चर्चा में तीन वक्ताओं ने तीन अलग अलग पक्ष लिए:
(क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।
(ख) नेहा- संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।
(ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया। क्या आप इनमें से किसी पक्ष से सहमत हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आप अपना पक्ष बताएँ।