फिराक गोरखपुरी
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
नहला के छलके-छलके निर्मल जल से
उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके
किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को
जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।
1. इस काव्याशं में माँ की किन-किन क्रियाओं का उल्लेख हुआ है?
2. ‘छलके-छलके’ में किस अलंकार का सौदंर्य है?
3. भाषागत विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
1. इन पंक्तियों में माँ तथा बच्चे की भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति हुई है। माँ बच्चे को साफ पानी से नहलाती है, उसके बालों की कंघी करती है। जब वह उसे कपड़े पहनाती है तब बालक माँ के मुख की ओर देखता है। बालक की क्रियाओं का स्वाभाविक वर्णन है।
2. ‘छलके-छलके’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
3. ‘घुटनियों’ तथा ‘पिन्हाती’ शब्द देशज हैं।
उर्दू मिश्रित भाषा का प्रयोग है।
दृश्य बिंब हैं।
रुबाई है।
Sponsor Area
फिराक गोरखपुरी का जीवन-परिचय एवं साहित्यिक परिचय दीजिए तथा रचनाओं का उल्लेख भी कीजिए।
हाथों पे बुलाती है उसे गोद-भरी
रह-रह के हवा में जो लोका देती है
गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी।
कवि और कविता का नाम लिखिए।
कौन, किसे, कहाँ लिए खड़ी है?
माता अपनी संतान को किस प्रकार खिला रही हें?
बच्चा क्या करता है?
उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके
किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को
जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।
माँ बच्चे के लिए क्या-क्या काम करती है?
बच्चा कब अपनी माँ के मुँह को प्यार से देखता है?
चीनी के खिलौने जगमगाते लावे
वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक
बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए
Sponsor Area
Sponsor Area