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फिराक गोरखपुरी

Question
CBSEENHN12026399

कौन, किसे, कहाँ लिए खड़ी है?

Solution

माँ अपने बच्चे को गोद में लिए हुए आँगन में खड़ी है। उसका बच्चा चाँद के टुकड़े के समान प्यारा है।

Some More Questions From फिराक गोरखपुरी Chapter

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

दीपावली की शाम घर पुते और सजे

चीनी के खिलौने जगमगाते लावे

वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक

बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए

दीपावली पर लोग क्या करते हैं?

दीपावली पर बच्चे माँ से क्या फरमाइश करते हैं?

माँ के चेहरे पर मुस्कराहट क्यों आ जाती है?

माँ बच्चे की फरमाइश को कैसे पूरी करती है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

आँगन में ठुनक रहा है जिदयाया है

बालक तो हई चाँद पॅ ललचाया है

दर्पण उसे दे के कह रही है माँ

देख आईने में चाँद उतर आया है।

आँगन में कौन ठुमक रहा है?

बालक का जी किस पर ललचाया है?

माँ उसकी इच्छा किस प्रकार पूरी करती है?

क्या वास्तव में चन्द्रमा दर्पण में उतर आया था?