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फिराक गोरखपुरी

Question
CBSEENHN12026411

आँगन में कौन ठुमक रहा है?

Solution

आँगन में बालक चाँद को देखकर ठुमक रहा है। वह जिद कर रहा है।

Some More Questions From फिराक गोरखपुरी Chapter

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी

हाथों पे बुलाती है उसे गोद-भरी

रह-रह के हवा में जो लोका देती है

गूँज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी।

कवि और कविता का नाम लिखिए।

कौन, किसे, कहाँ लिए खड़ी है?

माता अपनी संतान को किस प्रकार खिला रही हें?

बच्चा क्या करता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

नहला के छलके-छलके निर्मल जल से

उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके

किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को

जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।

माँ बच्चे के लिए क्या-क्या काम करती है?

बच्चा कब अपनी माँ के मुँह को प्यार से देखता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

दीपावली की शाम घर पुते और सजे

चीनी के खिलौने जगमगाते लावे

वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक

बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए

दीपावली पर लोग क्या करते हैं?