फिराक गोरखपुरी

Question

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
आँगन में ठुनक रहा है जिदयाया है
बालक तो हई चाँद पै ललचाया है
दर्पण उसे दे के कह रही है माँ
देख आईने में चाँद उतर आया है।

1. काव्यांश की भाषा की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
2. यह काव्यांश किस छंद में कि गया है? उसकी विशेषता बताइए।
3. ‘देख आईने में चाँद उतर आया है’ कथन के सौन्दर्य को स्पष्ट कीजिए।

 

Answer

1. काव्यांश की भाषा की दो विशेषताएँ:
(i) ‘जिदयाया’ शब्द में संज्ञा (जिद) को क्रिया में बदला गया है।
(ii) ‘हुई’ शब्द है ही का उच्चरित रूप है। इससे उच्चारण में कोमलता आ गई है।
2. यह काव्यांश गजल के रूप में है। यह गजल का शेर छंद है। गजल का हर शेर स्वयं में स्वतंत्र अर्थ रखता है। इसे मुक्तक छंद भी कहा जा सकता है।
3. ‘देख आईने में चाँद उतर आया है’ कथन में यह सौंदर्य है कि दर्पण में चाँद का प्रतिबिंब झलक रहा है। माँ बेटे को उसी के प्रतिबिंब को देखकर उसे असली चाँद बताकर प्रसन्न करने का प्रयास करती है। इसे भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण कहा जा सकता है।

 

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देख आईने में चाँद उतर आया है।

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