राजस्थान की रजत बूँदें
कुंई बनने की सफलता पर किस प्रकार प्रसन्नता प्रकट की जाती है?
कुंई की सफलता उत्सव का अवसर बन जाती है। यों तो पहले दिन से काम करने वालों का विशेष ध्यान रखना यहाँ की परंपरा रही है, पर काम पूरा होने पर तो विशेष भोज का आयोजन होता था। चेलवांजी को विदाई के समय तरह-तरह की भेंट दी जाती थी। चेजारो के साथ गाँव का यह संबंध उसी दिन नहीं टूट जाता था। आच प्रथा से उन्हें वर्ष- भर के तीज-त्योहारों में, विवाह जैसे मंगल अवसरों पर गो, भेंट दी जाती और फसल आने पर खलियान में उनके नाम से अनाज का एक अलग ढेर भी लगता था। अब सिर्फ मजदूरी देकर भी काम करवाने का रिवाज आ गया है।
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कुंई निर्माण से संबंधित निम्न शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करें-
पालरपानी, पातालपानी, रेजाणीपानी।
कुंई की गहराई में चल रहे काम के कारण उत्पन्न गरमी को कम करने के लिए क्या उपाय किया जाता है?
इस पाठ में रेत के कणों के बारे में क्या बताया गया है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
कई का मुँह छोटा रखने के कौन-कौन से कारण हैं?
कुंआँ कुंई से किस अर्थ में भिन्न होता है?
खड़िया पत्थर की पट्टी कहाँ चलती है?
खड़िया पत्थर की पट्टी क्या काम करती है?
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